टीएमसी समर्थकों का सुंदरबन थाना में हंगामा, साथियों को छुड़ा ले गये, 6 पुलिस कर्मी घायल, 8 गिरफ्तार

Bengal news, Kolkata news : हिरासत में लिये गये तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं (Trinamool Congress workers) को तुरंत रिहा करने की मांग पर रविवार सुबह दक्षिण 24 परगना जिले (South 24 Parganas District) के गोसाबा ब्लॉक स्थित सुंदरबन तटीय पुलिस स्टेशन में तृणमूल समर्थकों थाने में तांडव मचाया और हिरासत में लिये गये समर्थकों को छुड़ा ले लगे. घटना में एक महिला सहित 6 पुलिसकर्मी घायल हो गये. स्थिति को संभालने के लिए पुलिस इलाके में गश्त कर रही है. इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले पर बंगाल भाजपा ने ममता सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2020 7:48 PM
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Bengal news, Kolkata news : कोलकाता : हिरासत में लिये गये तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं (Trinamool Congress workers) को तुरंत रिहा करने की मांग पर रविवार सुबह दक्षिण 24 परगना जिले (South 24 Parganas District) के गोसाबा ब्लॉक स्थित सुंदरबन तटीय पुलिस स्टेशन में तृणमूल समर्थकों थाने में तांडव मचाया और हिरासत में लिये गये समर्थकों को छुड़ा ले लगे. घटना में एक महिला सहित 6 पुलिसकर्मी घायल हो गये. स्थिति को संभालने के लिए पुलिस इलाके में गश्त कर रही है. इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले पर बंगाल भाजपा ने ममता सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुंदरबन तटीय पुलिस स्टेशन इलाके स्थित राधानगर बाजार में शनिवार को भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच राजनीतिक संघर्ष की घटना घटी थी. कथित तौर पर इस घटना के बाद तृणमूल कार्यकर्ता भाजपा कार्यकर्ताओं के घर गये और लूटपाट और बर्बरता शुरू कर दी. खबर मिलते ही पुलिस बल इलाके में जाकर मौके से 5 लोगों को गिरफ्तार किया था, जो तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ता बताये जा रहे हैं. 4 मोटरसाइकिलें भी जब्त की गयीं.

घटना के बाद रविवार सुबह तटीय पुलिस स्टेशन में राधानगर गांव के स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ता और समर्थक थाने पहुंचें. हिरासत में लिए गये पांचों कार्यकर्ताओं को अनुचित तरीके से पीटने और उनकी रिहाई की मांग करते हुए थाने के बाहर से प्रदर्शन करने लगे और फिर बाद में पुलिस स्टेशन पर ईंटें फेंकना शुरू कर दिया. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बैटन का इस्तेमाल किया और घटनास्थल पर बरुईपुर थाने की पुलिस पहुंचीं.

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तृणमूल कार्यकर्ताओं ने जवाबी कार्रवाई की. इसमें 6 पुलिसकर्मी घायल हो गये. उनमें से एक महिला पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं. काफी समय बाद स्थिति नियंत्रण में आयी. हालांकि, इस बीच हिरासत में लिए गये तृणमूल कार्यकर्ताओं ने इस मौके का फायदा उठाया और पुलिस स्टेशन से फरार हो गये.

इस संबंध में गोसाबा के तृणमूल विधायक जयंत नस्कर ने कहा कि तृणमूल कार्यकर्ताओं को बिना किसी कारण के गिरफ्तार किया जा रहा है. यह काफी समय से चल रहा है. इसलिए स्थानीय लोगों ने आज अपना रोष व्यक्त किया है. पार्टी कार्यालय के अंदर स्थानीय कार्यकर्ताओं की भी पिटाई की गयी. महिलाओं से लेकर बच्चों तक कोई भी पुलिस की डंडों की मार से बच नहीं पाया. हमने मामले को पुलिस के उच्च स्तर पर सूचित कर दिया है. उन्होंने तांडव मचाने का आरोप भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगाया.

भाजपा जिला सचिव संजय नायक ने आरोप लगाया कि तृणमूल समर्थको ने श्री नस्कर के नेतृत्व में थाने के पास तांडव चलाया. जिस राज्य में पुलिसकर्मी सुरक्षित नहीं हैं. उस राज्य में आम लोग कैसे सुरक्षित रहेंगे. घटना के बाद इलाके में व्यापक पुलिस तैनात कर दी गयी है. थाने से फरार हुए आरोपियों की तलाश शुरू की गयी है. उल्लेखनीय है कि 2007 में इस पुलिस स्टेशन पर इसी तरह की घटना घटी थी और और आरोपियों का अपहरण कर लिया गया था. उसमें थाने के ओसी सहित कई पुलिसकर्मी घायल गये थे.

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अधिकारियों का असंवैधानिक आदेश न मानें पुलिसकर्मी : विजयवर्गीय

भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अब राज्य में पुलिसकर्मियों को राजनीतिक बेड़ियां तोड़ कर गैरसंवैधानिक आदेश नहीं मानने का आह्वान किया है. सुंदरबन में तृणमूल कांग्रेस के लोगों द्वारा आरोपी को पुलिस से छीनने की कोशिश और पुलिसकर्मियों पर हमले की घटना का जिक्र करते हुए ट्वीट कर कहा कि तृणमूल के गुंडों द्वारा सुंदरबन के एक पुलिस थाने पर हमला कर अपने साथी गुंडों को छुड़ाने का निंदनीय प्रयास किया गया. मेरा समस्त पुलिसकर्मियों से प्रश्न हैं. क्या आप ये दिन देखने के लिए पुलिस सेवा में आये थे? क्या बंगाल की पुलिस इतनी असहाय हो गयी हैं?

अपने दूसरे ट्वीट में श्री विजयवर्गीय ने लिखा कि आइये अब जागने का समय आ गया है. अपनी संविधान प्रदत्त शक्तियों को पहचानिये. उन्हें स्वयं और जनहित में इस्तेमाल कीजिए और अपने अधिकारियों के किसी भी असंवैधानिक आदेश को मानने से मना कीजिए या ऐसे आदेश को लिखित में मांगिये. भाजपा की सरकार आने पर कर्तव्य परायण पुलिसकर्मियों को सम्मान देने का जिक्र करते हुए श्री विजयवर्गीय ने कहा कि व्यवस्था बदल रही है. हर कर्तव्यपरायण कर्मचारी को नयी व्यवस्था में पूर्ण संरक्षण मिलेगा.

Posted By : Samir Ranjan.

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