गोरखपुर. इन्फ्लूएंजा की जांच के लिए जांच किट का इंतजार गोरखपुर की दो बड़े संस्थान कर रहे हैं. किट न होने से नए रोगियों में कितने इन्फ्लूएंजा के नए स्ट्रेन से पीड़ित हैं यह जानकारी नहीं हो पा रही है.इन्फ्लूएंजा की जांच किट के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने जेम पोर्टल पर 96 जांच किट का आर्डर कर दिया है. उम्मीद है कि जल्द ही किट आ जाएगी. वहीं एम्स ने इंडियन काउंसिल फॉर मेडिसिन रिसर्च से किट की मांग की है. गोरखपुर के एम्स, बीआरडी और जिला अस्पताल में रोजाना सर्दी, जुकाम ,बुखार और सांस फूलने की शिकायत लेकर मरीज आ रहे हैं. फौरी तौर पर इनके लक्षण इनफ्लुएंजा की ही तरह है. दिल्ली में इन्फ्लूएंजा के नए स्ट्रेन एच3एन2 के मामले बढ़ने के बाद से सरकार ने चिकित्सा संस्थानों को सतर्कता बरतने का निर्देश जारी कर दिया था. उसके बाद भी अभी तक जांच शुरू नहीं हुआ है.
गोरखपुर में आरएमआरसी व बीआरडी मेडिकल कॉलेज को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी गई है ताकि सर्दी, खांसी, जुकाम बुखार के रोगियों में इनफ्लुएजा का नया स्ट्रेन मिले तो उसकी रोकथाम के लिए एहतियाती कदम उठाया जा सकें.निर्देश के बाद भी अभी तक यहां पर जांच शुरू नहीं हो सकी. बता दें, पूर्वी उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी लैब आरएमआरसी व बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पास है.मेडिकल कॉलेज के पास बायोसेफ्टी लेवल –थ्री (बीएसएल –थ्री) लैब है.दोनों संस्थान सरकार का निर्देश मिलने के बाद भी 10 दिन तक उदास रहे. अभी तो इन दोनों लैब में जांच नहीं शुरू हुई है.
सरकार ने मोबाइल बीएसएल लैब इसलिए प्रदान की है ताकि बीमारी फैलने के बाद मौके पर पहुंचकर जांच की जा सके.आरएमआरसी के मीडिया प्रभारी अशोक पांडे ने बताया कि इनफ्लुएंजा जांच किट की मांग की गई है. जल्द ही यह किट मिल जाएगी जिसके बाद से जांच की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. उन्होंने बताया कि हमारे पास जांच के लिए लैब तैयार है. स्टाफ को इसका पूर्वाभ्यास कराया जा चुका है.
एम्स,बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग के ओपीडी में सभी रोगियों में से लगभग 30% मरीज सर्दी, जुकाम ,बुखार व सांस फूलने की परेशानी को लेकर आ रहे हैं.जो लक्षण इन्फ्लूएंजा के जैसे ही है .बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी के अध्यक्ष डॉ अमरेंद्र सिंह ने बताया कि इन्फ्लूएंजा के नए स्ट्रेन की जांच के लिए 96 किट का आर्डर दिया गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि 3 दिन के अंदर वह उपलब्ध हो जाएगा. जिसके बाद से इन्फ्लूएंजा के लक्षणों वाले मरीजों की जांच शुरू कर दी जाएगी.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप