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कंप्यूटर ऑपरेटर की करनी है नौकरी तो देने पड़ेंगे डेढ़ लाख!, प्रभात खबर ने यूं किया खुलासा

हमारे एक प्रतिनिधि ने आवेदक बन कर पहले लोकल एजेंट व फिर एक अन्य व्यक्ति से बात की. बातचीत में डीटीओ कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए डेढ़ से दो लाख रुपये मांगे गये. बातचीत का ऑडियो प्रभात खबर के पास मौजूद है. अब ये लोग शिवा प्रोटेक्शन ग्रुप के हैं या कोई संगठित गिरोह, यह जांच का विषय है. पर ये लोग खुद को मैनपावर सप्लाई करनेवाली कंपनी का प्रतिनिधि बता रहे हैं.

गिरिजेश/मनाेज रवानी, धनबाद : परिवहन विभाग, झारखंड (लीड एजेंसी, रोड सेफ्टी) ने अपने अधीनस्थ कार्यालयों में मैनपावर सप्लाई करने के लिए मेसर्स शिवा प्रोटेक्शन प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया है. इस कंपनी को एक मार्च से काम शुरू करना है. इधर, खबर है कि एजेंसी के माध्यम से नियुक्त होनेवाले विभिन्न पदों के लिए बोली लगायी जा रही है. विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग दर तय किये गये हैं. प्रभात खबर को भी इसकी सूचना मिली.

हमारे एक प्रतिनिधि ने आवेदक बन कर पहले लोकल एजेंट व फिर एक अन्य व्यक्ति से बात की. बातचीत में डीटीओ कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए डेढ़ से दो लाख रुपये मांगे गये. बातचीत का ऑडियो प्रभात खबर के पास मौजूद है. अब ये लोग शिवा प्रोटेक्शन ग्रुप के हैं या कोई संगठित गिरोह, यह जांच का विषय है. पर ये लोग खुद को मैनपावर सप्लाई करनेवाली कंपनी का प्रतिनिधि बता रहे हैं. प्रभात खबर ने जिस नंबर पर बात की, उनमें से एक का नंबर 910…….028 है. जिस व्यक्ति से बात हुई, उसने अपना नाम आलोक बताया.

पिऊन से रोड सेफ्टी मैनेजर की वेकेंसी : दरअसल, झारखंड सरकार के परिवहन विभाग ने करीब 300 अलग-अलग पदों पर बाह्य स्रोतों से मैनपावर के लिए टेंडर निकाला. 31 अक्तूबर, 2020 टेंडर डालने की अंतिम तिथि थी. टेंडर फीस 10 हजार रुपये था, 30 लाख रुपये सिक्यूरिटी डिपॉजिट था. विभाग ने इसके लिए 11 शर्तें तय की. जिन पदों के लिए मैनपावर का टेंडर निकला था, उनमें पिऊन (शैक्षणिक योग्यता- मैट्रिक, वेतन 10,600 रु), मल्टी टास्किंग स्टॉफ (शैक्षणिक योग्यता : इंटर या आइटीआइ, वेतन 17,600 रुपये), ड्राइवर (योग्यता -इंटर, साथ में दो साल का अनुभव, वेतन : 12500) और कंप्यूटर आॅपरेटर (योग्यता : स्नातक, दो साल का अनुभव, वेतन : 18700) चाहिए था. इसके अलावा एकाउंटेंट, सोशल मीडिया एनालिस्ट, मास मीडिया मैनेजर, आइटी असिस्टेंट, रोड इंजीनियरिंग एनालिस्ट, डिस्ट्रिक्ट रोड सेफ्टी मैनेजर, प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर पद के लिए मैनपावर की जरूरत थी. सबके लिए अलग-अलग वेतनमान और शैक्षणिक योग्यता तय की गयी है. सबसे अधिक जरूरत कंप्यूटर ऑपरेटर की है, जिसके 120 पद हैं.

प्रभात खबर के पास माैजूद हैं दाे ऑडियो, जिसमें पैसे की मांग की जा रही है

अब हो क्या रहा है : कंपनी के नाम पर युवाओं से बायोडाटा मांगा गया. अलग-अलग जिलों में लोकल एजेंट के माध्यम से भी युवाओं से संपर्क किया गया. जिन लोगों ने बायोडाटा जमा किया है, उनसे मोल-भाव चल रहा है. परिवहन विभाग में पहले से काम कर रही एसबीसी एक्सपोर्टस के भी मैनपावर हैं. प्रभात खबर को सूचना मिली की रांची-धनबाद जैसे जिले में ऑपरेटर पद के लिए तीन लाख रुपये मांगे जा रहे हैं. चतरा, पाकुड़, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, गोड्डा, साहिबगंज जैसे जिलों में डीटीओ कार्यालय के लिए डेढ़ लाख रुपये और देवघर-दुमका जैसे जिलों में डीटीओ कार्यालय में ऑपरेटर के लिए दो-दो लाख तक मांगे जा रहे हैं.

इसी तरह आइटी असिस्टेंट के लिए दो लाख, रोड सेफ्टी एनालिस्ट के लिए भी दो लाख और डिस्ट्रिक्ट रोड सेफ्टी मैनेजर के लिए तीन लाख रुपये मांगे जा रहे हैं. इसके बाद प्रभात खबर प्रतिनिधि ने पहले चतरा जिले के एक लाेकल एजेंट से संपर्क साधा. उसने कहा, डेढ़ से दो लाख रुपये देने हाेंगे. फिर आलाेक नाम के एक एजेंट की प्रभात खबर प्रतिनिधि से बात हुई. (पढ़ें पूरी बातचीत का ब्याेरा).

25 फरवरी को हुआ एकरारनामा : मेसर्स शिवा प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड, तीसरा तल्ला, आरसी साहू कांप्लेक्स, हिनू, रांची के साथ 25 फरवरी को विभाग ने एकरारनामा किया. कंपनी को अगले तीन साल के लिए कार्यादेश दिया गया है. कंपनी को एक मार्च, 2021 से काम शुरू करना है. एकरारनामा की शर्तों का उल्लंघन करने पर नियमानुसार कार्रवाई की बात भी कही गयी है. इस आशय का पत्र संयुक्त परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा), लीड एजेंसी परिवहन विभाग के हस्ताक्षर से जारी भी कर दिया गया है.

ऑडियो 1 : लोकल एजेंट से बातचीत

एजेंट : हैलो, …. जी पहले एडवांस देना पड़ेगा. इसलिए इन सब चीजों पर ध्यान नहीं दे रहे.. इन सब में कहां फंसे….बोलिये

प्रभात खबर : भइया मेरे पास भी फोन आया था. अभी आप कहा हैं. घर पर हैं?

एजेंट : नहीं अभी बाहर हैं.

प्रभात खबर : मेरे पास भी फोन आया था. पहले बोला, आप रिज्यूम दिये थे, वह किसके माध्यम से दिये थे. आपका नाम लेते हुए कहे …… भइया को दिये थे. उसके बाद बोला कि ऑपरेटर के काम के लिए डेढ़ लाख रुपये लगेगा.

एजेंट : अब डेढ़ लाख नहीं, दो लाख लगेगा, बोल रहा है.

प्रभात खबर : हम बोले, …. भइया हमको ऐसा बात नहीं बोले.

एजेंट : पैसा तो लगता है ….जी, पर काम होने के बाद लगता है, तो संतुष्टि होती है.

प्रभात खबर : डेढ़ लाख रुपया बोल रहा है भइया. डेढ़ लाख रुपया कम थोड़ी है. मान लीजिए छह महीने काम किये, नहीं पटा, तो हटा देगा, फिर क्या करेंगे?

एजेंट : ऑपरेटरवाला में ठीक है.

प्रभात खबर : नहीं भइया, फिर भी इफ-बट वाली बात है.

एजेंट : हमलोगों को भी बोला, जिसका-जिसका पैसा है, उसका रिज्यूम लेकर आइये.

प्रभात खबर : नहीं भइया, इतना पैसा कहां से देंगे भइया… 10-20 हजार का बात रहता, तो ठीक है, दे दिया जाएगा.

एजेंट : इसके बाद हमलोग समाज कल्याण वाला में बैठेंगे… उसमें भी पैसा लेगा ही.

प्रभात खबर : इतना कहां से देंगे भइया.

एजेंट : बाद में भी इतना पैसा लेगा ही.

प्रभात खबर : तो भी भइया, डेढ़ लाख समझ रहे हैं आप?

एजेंट : डेढ़ लाख नहीं, दो लाख हो गया.

प्रभात खबर : तब कहां से होगा भइया.

एजेंट : पैसा मांग रहा है. यह फर्जी बात नहीं है.. पैसा मांगा जा रहा है.

प्रभात खबर : हमको आलोक बोल कर कोई लड़का फोन किया था भइया..

एजेंट : हां-हां मेरेे चैनल का लड़का है. बताया था हमको. वह बोल रहा था सबको जानकारी दे देते हैं. बाद में कोई नहीं बोले, हमको नहीं बताया.. जिसको मन होगा, वह करेगा. जिसको मन नहीं होगा, वह नहीं करेगा.

प्रभात खबर : छोटा-मोटा अमाउंट होता भइया, तो ठीक रहता. अब इतना पैसा कहां से कर पायेंगे. इतना में धंधा नहीं कर लेंगे. हमको एजेंटी करके मिल जायेगा. भइया देखियेगा, प्रयास कीजिएगा, क्या बोलता है, नहीं बोलता है.

एजेंट : ठीक है

ऑडियो- 2 : दूसरे एजेंट से बातचीत

एजेंट : हां … जी..बात हुई थी.

प्रभात खबर : नहीं बात नहीं हुई थी. हम पूजा में व्यस्त रह गये.. घर में पूजा हो रही थी.

एजेंट : एक बार अपना डिसीजन दे देते, तो ठीक रहता..

प्रभात खबर : कौन सा डिपार्टमेंट में, सिर्फ डीटीओ ऑफिस में ही, कि और भी कहीं आप लोग का है..

एजेंट : अभी सिर्फ डीटीओ ऑफिस में ही है. डीटीओ ऑफिस में काम बहुत अच्छा है. एक बार आप बोल देते यस-नो, आप इंट्रेस्टेड हैं कि नहीं..

प्रभात खबर : इंट्रेस्टेड हैं सर, मगर पैसा डेढ़ लाख रुपये बोल रहा है. सोचने में लगता है. छोटा अमाउंट नहीं है, हमको भी इंतजाम करना पड़ेगा, घर में बोलना पड़ेगा. .. पेमेंट कितना है सर इसमें.

एजेंट : पेमेंट है 18 हजार रुपये कंप्यूटर ऑपरेटर का.

प्रभात खबर : कट कर मिलेगा कि पूरा मिलेगा.

एजेंट : पूरा मिलेगा..

प्रभात खबर : आपकी कंपनी का नाम शिवा करके कुछ है क्या?

एजेंट : हां..शिवा… आपकी उससे बात हुई है, तो ठीक है, नहीं तो हम पेंडिग में रख देते हैं.

प्रभात खबर : कल पूजा- पाठ है, इसलिए बात नहीं किये. हम पूजा में व्यस्त थे. छुट्टी का भी दिन था..

एजेंट : देख लीजिए, क्लियर हो जायेगा तो ठीक रहेगा.. अभी हम क्या करें. पेंडिग में ही रखते हैं.

प्रभात खबर : उसमें कुछ और जगह है सर..

एजेंट : नहीं उनसे ही बात कीजिए.

प्रभात खबर : जो बात करना है, उनसे ही करना है.

एजेंट : नहीं, पैसा का हम रिसीवर हैं… वहां अगर कुछ फाइनल हो जाता है, तो हमें बता दिये कि इतना लगेगा.

प्रभात खबर : आप कंपनी के ही आदमी हैं.. क्या नाम हुआ सर आपका.

एजेंट : हां हम कंपनी के आदमी है. आलोक कुमार नाम हुआ.. आप उनसे भी कंफर्म कर लीजिए, अभी पेंडिग में रखते हैं आपका..

प्रभात खबर : इसमें कहां तक क्या हो पायेगा सर…

एजेंट : आप जिसके रेफरेंस से आये हैं, उससे बात कर लीजिए, ज्यादा बेहतर रहेगा..

प्रभात खबर : जगह भी कुछ बताये थे सर, डिस्ट्रिक

एजेंट : दो – चार डिस्ट्रिक्ट अपने पास रखना है…

प्रभात खबर : हम चाह रहे थे सर हजारीबाग मिल जाता, तो बेटर रहता मेरे लिए.. क्योंकि लोकल में हम कुछ और काम कर रहे थे सर.. सोच रहे थे हजारीबाग हो जाता, तो चतरा से एक घंटा का दूरी है.

एजेंट : जो डिमांड किया गया है, हमको लगता है कि कुछ न कुछ जगह देगा. आप उनसे बात कर लीजिए, जहां तक लोकेशन की बात है हजारीबाग हो गया, चतरा हो गया, लातेहार भी नजदीक है, यह सब जगह मिल जाएगा.

प्रभात खबर : ठीक है सर हम बात कर लेते हैं उनसे…

मंत्री, सचिव व कंपनी ने कहा- गलत है, जांच हो : काम में पूरी तरह से पारदर्शिता रहेगी. मार्केट में बिचौलिया व दलाल लोग अपना उल्लू सीधा करने के लिए भोले-भाले लोगों को नौकरी का झांसा देकर ठगी करते हैं. ऐसे तत्वों से लोग सावधान रहें.

चंपई सोरेन, परिवहन मंत्री, झारखंड

संबंधित कंपनी को नयी बहाली नहीं करनी है. जो लोग पहले से डीटीओ ऑफिस में काम कर रहे हैं वहीं काम करेंगे. कंपनी को देखरेख करना है. ऐसे में बहाली के नाम पर अगर कोई पैसा मांग रहा है, तो यह एकदम गलत है.

के रवि कुमार, परिवहन सचिव, झारखंड

कंपनी को 25 फरवरी को परिवहन विभाग की ओर से कार्यादेश मिला है. एक मार्च से कार्य करने की तैयारी में हमलाेग जुटे हैं. हमें भी चतरा से सूचना मिली है कि कुछ लोग गलत अफवाह उड़ा कर कंपनी को बदनाम करना चाह रहे हैं. अगर किसी के द्वारा फिल्ड में नौकरी के नाम पर पैसे का डिमांड किया जा रहा है, तो यह गलत है. मेरी कंपनी में आलोक नाम का कोई प्रतिनिधि नहीं है. हम भी चाहेंगे कि मामले की पूरी से जांच हो और दोषियाें पर कार्रवाई हो.

कुमार गौरव, प्रोजेक्ट हेड, शिवा प्रोटेक्शन फोर्स (पी.) लि. रांची

Posted by: Pritish Sahay

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