कोरोना का असर : बाजार का हाल है बेहाल, नहीं आ रहे खरीदार
जहानाबाद : लॉकडाउन में महीनों दुकानें बंद रहने के बाद अनलॉक-1 में सभी दुकानें, मॉल, रेस्तरां व होटल खुल गये हैं. लंबे समय तक कारोबार ठप रहने के बाद दुकानें खुलने से व्यवसायियों को थोड़ी आर्थिक राहत मिली है. शहरी इलाके में सभी प्रकार के दुकानों की संख्या 4000 से अधिक है.
जहानाबाद : लॉकडाउन में महीनों दुकानें बंद रहने के बाद अनलॉक-1 में सभी दुकानें, मॉल, रेस्तरां व होटल खुल गये हैं. लंबे समय तक कारोबार ठप रहने के बाद दुकानें खुलने से व्यवसायियों को थोड़ी आर्थिक राहत मिली है. शहरी इलाके में सभी प्रकार के दुकानों की संख्या 4000 से अधिक है. वहीं मुहल्लों और छोटी गलियों में स्थित दुकानों को मिलाकर यह संख्या 6000 तक पहुंच जाती है. लॉकडाउन में जरूरी वस्तुओं की दुकानें ही खुली थीं. बाद में किताबों और बिजली-पंखों की दुकानें भी खुल गयी थीं. कपड़े, इलेक्ट्राॅनिक्स, जूते-चप्पल सहित अन्य वस्तुओं की दुकानें फेज-1 से खुल रही हैं. आवागमन और वाहनों के परिचालन को अनुमति मिलने के साथ ही सड़कों पर भीड़ भी दिख रही है. लंबे अरसे तक व्यवसाय बंद रहने के बाद खरीद-बिक्री का कार्य फिर से प्रारंभ हो गया है, फिर भी सामान्य दिनों की अपेक्षा बाजार में मंदी छायी हुई है. सड़कों की भीड़ दुकानों में नहीं जा रही है. बाजार की स्थिति अभी भी बेहाल है जिसे सामान्य होने में महीनों लग जायेंगे.
उपलब्ध वस्तुओं की रेंज में आयी कमी, दामों में वृद्धि
लॉकडाउन के इन महीनों में लगभग सभी लोगों की आय प्रभावित हुई है. खासकर मध्यम वर्ग की आर्थिक स्थिति डांवाडोल है. वहीं जिनकी आर्थिक स्थिति थोड़ी ठीक है वो भी अपने खर्चों पर लगाम लगा चुके हैं. ऐसे में बाजार में मंदी का माहौल है. सामान्य दिनों के मुकाबले 20-30 प्रतिशत ही कारोबार हो पा रहा है. व्यवसायियों का कहना है कि लोग सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की ही खरीदारी कर रहे हैं तथा अन्य वस्तुओं की खरीद जहां तक संभव हो टाल रहे हैं. वहीं बाहर से आ रहे सामान के दाम में वृद्धि हुई है, क्योंकि लॉकडाउन में लगभग सभी जगह उत्पादन ठप था. कुछ ने शुरू भी किया है, लेकिन अभी रफ्तार नहीं पकड़ी है. ऐसे में पुराना स्टॉक ही मिल पा रहा है, वो भी पहले से अधिक रेट पर. ट्रांसपोर्टेशन की लागत में भी वृद्धि हुई है. छोटे दुकानदार बाहर से सामान कम ही मंगवा रहे हैं. सभी का जोर गोदामों में पड़े पुराने स्टॉक की बिक्री पर ही है. बिक्री के लिए उपलब्ध वस्तुओं की रेंज भी पहले से घटी है जो बिक्री में कमी का एक बड़ा कारण है.
गैर जरूरी वस्तुओं की खरीदारी टाल रहे लोग
बाजार में आये ग्राहकों की मानें तो लोग जेब से पैसा निकालने में हिचक रहे हैं. पिछले तीन महीनों में अधिकतर लोगों की आय में भारी कमी आयी. कई लोगों को तो पुरानी बचत ही खर्च करनी पड़ी. ऐसे में जहां तक संभव हो लोग किराना, सब्जी, कपड़े, बच्चों की किताबें आदि वही वस्तुएं जो बेहद जरूरी हों, की खरीदारी कर रहे हैं. गर्मी को देखते हुए पंखे और कूलर भी खरीदे गये लेकिन अन्य वस्तुओं की खरीदारी टालने से बाजार में मंदी छायी हुई है. खरीदारी करने आये पंकज सिंह, मंटू कुमार, सावित्री देवी, गुंजन कुमारी बताते हैं कि बाजार में सामानों की कमी है. मनपसंद रेंज नहीं मिल पा रही है. ऐसे में उपलब्ध सामान की खरीदारी अधिक रेट पर करना विवशता बन गयी है.
क्या कहते हैं लोग
बाजार की स्थिति ठीक नहीं है. बिक्री में भारी कमी आयी है. पहले एक दिन में 25-30 पंखे बिक जाते थे अब तीन-चार ही बिकते हैं. यही स्थिति अन्य वस्तुओं की बिक्री में भी है.
– रामविनेाद शर्मा, खुदरा व्यवसायी
दाम में पहले से थोड़ी वृद्धि हुई है जिसका कारण उत्पादकों और थोक व्यवसायियों द्वारा लागत में वृद्धि बताया जाता है. सामान की सप्लाइ भी आसपास के ही शहरों से हो पा रही है.
– अभिषेक कुमार, खुदरा व्यवसायी
परिवहन की लागत से वृद्धि होने से दाम में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है. सामान के उपलब्ध रेंज में भी कमी आयी है. गांव-देहात से भी लोग खरीदारी करने कम आ रहे हैं.
– अमित कुमार, थोक व्यवसायी
व्यवसाय पूरी तरह प्रभावित है. सभी दुकानें खुली हैं, पर ग्राहकों की संख्या बहुत कम है. वस्तुओं का उत्पादन प्रभावित होने से बाजार में वस्तुओं की उपलब्धता में भी कमी है. दाम में थोड़ी-बहुत वृद्धि देखने को मिली है. अभी न कोई पर्व-त्योहार है और न ही कोई बिकवाली का सीजन. ऐसे में स्थिति सामान्य होने में दो-तीन महीने लग जायेंगे.
– कैलाश पोद्दार, अध्यक्ष, चैंबर ऑफ काॅमर्स
Posted By : Rajat Kumar