बंगाल की राजनीति में इन दिनों घमासान मचा हुआ है, वजह है मुख्यमंत्री और टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच उपजा विवाद. जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी और अभिषेक के बीच इस तनातनी की वजह राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर हैं.
कुछ दिनों पहले ऐसी खबर आयी थी कि अब प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी का साथ छूट सकता है. ममता बनर्जी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि अभिषेक बनर्जी उनके और पार्टी के लिए खास हैं और पार्टी में उनका अहम स्थान है. इसी वजह से ममता बनर्जी ने पुरानी राष्ट्रीय कार्यसमिति को भंग कर दिया और पार्टी में औपचारिक पदों को फिलहाल के लिए समाप्त कर दिया है. इसे ममता बनर्जी का मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा है.
ममता बनर्जी के इस कदम से पार्टी में उत्पन्न हुआ अंतर्विरोध समाप्त हो सकता है और अभिषेक बनर्जी भी गुटबाजी से बच जायेंगे. ममता ने एक 20 सदस्यीय समिति बनायी है जिसमें अभिषेक बनर्जी हैं लेकिन उनके समर्थक नहीं हैं.
गौरतलब है कि ममता बनर्जी का अभिषेक बनर्जी के प्रति झुकाव और पार्टी में उनके बढ़ते प्रभाव से कई वरिष्ठ नेता नाराज चल रहे हैं, जिनमें सौगात राॅय का नाम भी प्रमुखता से सामने आया है. अभिषेक बनर्जी प्रशांत किशोर के कई प्रस्तावों को सुधार के नाम पर पार्टी में लागू करना चाहते हैं जिसमें एक व्यक्ति एक पद और रिटायरमेंट की उम्र तय करना भी शामिल है.
अभिषेक बनर्जी के इस प्रस्ताव को कई वरिष्ठ नेता विरोध कर रहे हैं. ममता बनर्जी पार्टी में बढ़ते अंसतोष के मद्देनजर अभिषेक से नाराज भी हैं, लेकिन अभिषेक उनकी कमजोरी भी हैं, यही वजह है कि अभी बंगाल में तनातनी का दौर जारी है और एक अनिश्चतता की स्थिति बनी हुई है.
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