गोरखपुर विश्वविद्यालय में पेड सीट पर दाखिले को लेकर असमंजस, पूर्व कुलपति के फैसले के बाद चक्कर लगा रहे छात्र
गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी ने बताया कि नए सत्र में कुल सीटों के सापेक्ष 10 प्रतिशत अतिरिक्त सीटों पर आठ गुना फीस लेकर प्रवेश का निर्णय किया गया था. इस सत्र में प्रवेश प्रक्रिया में देर हो गई है, ऐसे में इस नई व्यवस्था को लागू करने को लेकर पेंच फस गया है.
Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में स्नातक व परास्नातक की कक्षाओं में पेड सीटों को लेकर नया नियम इस समय विश्वविद्यालय प्रशासन की गले की हड्डी बन गया है. विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ने विश्वविद्यालय में प्रवेश से जुड़ा एक नया निर्णय किया था.
गोरखपुर विश्वविद्यालय में पेड सीट का नया नियम
इसमें पेड सीट से प्रवेश उन पाठ्यक्रमों में लिए जाने का नियम हुआ था, जिनकी अभ्यर्थियों के बीच सर्वाधिक मांग है. वर्तमान में विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया संपन्न कराने में पहले ही काफी देर हो गई है. इसमें नए नियम को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन में असमंजस की स्थिति बनी हुई. कि इस व्यवस्था को लागू किया जाए या नहीं.
10 फीसदी सीटें आरक्षित करने का फैसला
गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी ने बताया कि नए सत्र में कुल सीटों के सापेक्ष 10 प्रतिशत अतिरिक्त सीटों पर आठ गुना फीस लेकर प्रवेश करने का निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले किया था. इस सत्र में प्रवेश प्रक्रिया में देर हो गई है, ऐसे में इस नई व्यवस्था को लागू कैसे किया जाए इसको लेकर असमंजस बना हुआ है. फिलहाल इस पर मंथन चल रहा है. उन्होंने बताया कि छात्र हित को ध्यान में रखते हुए जल्द ही इस मामले को लेकर ले कर निर्णय किया जाएगा.
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पूर्व कुलपति राजेश सिंह ने किया था निर्णय
बतातें चले कि पूर्व कुलपति राजेश सिंह ने पेड सीट पर प्रवेश का निर्णय दाखिल प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही किया था. नए सत्र में कुल सीटों के सापेक्ष पेड सीट कुल सीट का 10 प्रतिशत निर्धारित की गई थी. क्योंकि प्रवेश प्रक्रिया संपन्न कराने में पहले ही काफी देर हो चुकी है. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन इसे लेकर असमंजस में है. इसे लेकर बनाए गए नियम की पेंचीदगी भी इसे लागू करने में रोड़ा बन रही है.
विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया पूरी
पूर्व कुलपति राजेश सिंह ने विश्वविद्यालय की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए यह निर्णय किया था. इसके साथ ही स्व वित्त पोषित पाठ्यक्रमों को भी शुरू करने का कार्य किया था. लोकप्रिय पाठ्यक्रमों में पेड सीट पर प्रवेश लेने का निर्णय भी उन्हीं में से एक था. पेड सीट पर प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों को आठ गुना फीस लेने का प्रावधान विश्वविद्यालय प्रशासन ने किया है. विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. कुछ पाठ्यक्रमों में हर कीमत पर प्रवेश के लिए अभ्यर्थी दौड़ लगा रहे हैं. तो संबंधित विभागाध्यक्ष ने भी पेड सीट को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए प्रशासनिक भवन के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं.
इस मामले को लेकर कुल सचिव कार्यालय में खूब मंथन हुआ, जिसमें अध्ययन और अध्यापन प्रभावित होने सहित फीस के आठ गुना किए जाने पर चर्चा की गई. अब देखना है कि कुलसचिव इस पर क्या निर्णय करते हैं. अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए अगले निर्णय का इंतजार है.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप,गोरखपुर