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फाफामऊ की घटना से प्रियंका गांधी दुखी, चुनावी स्टंट के सवाल पर बोलीं- कोई कुछ कहे, मुझे न्याय से मतलब

अगर पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई की होती तो आज यह घटना सामने नहीं आती. पुलिस पीड़ित परिवार को भगा देती थी. उनका मजाक उड़ाया गया. आज ऐसी घिनौनी घटना सामने आई है. योगी सरकार की पुलिस के कारण ही इन लोगों की जान चली गई.

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उत्तर प्रदेश के फाफामऊ के गोहरी गांव में चार लोगों की हत्या के मामले पर राजनीति शुरू हो गई है. शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची. इस दौरान प्रियंका गांधी ने करीब 40 मिनट तक पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें न्याय का भरोसा दिया.

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पत्रकारों के सवालों के जवाब में प्रियंका गांधी ने कहा कि यह पुलिस-प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है. इन्हें दबंग लगातार परेशान कर रहे था और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. अगर पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई की होती तो आज यह घटना सामने नहीं आती. पुलिस पीड़ित परिवार को भगा देती थी. उनका मजाक उड़ाया गया. आज ऐसी घिनौनी घटना सामने आई है. योगी सरकार की पुलिस के कारण ही इन लोगों की जान चली गई.

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पत्रकारों ने प्रियंका गांधी से पूछा कि विपक्षी पार्टियां आप पर आरोप लगा रही हैं चुनाव देखते हुए आप मामले को उठा रही हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि कोई कुछ कहे. उन्हें पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाना है.

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पीड़ितों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि परिवार अभी डर और सदमे में है. सभी महिलाएं हैं. पुरुष सदस्य झारखंड में काम करते हैं. महिलाओं को नहीं पता वो क्या करेंगी. इस घटना को लेकर दो पुलिसकर्मियों को हटाया गया है. उन्होंने कहा कि यह घटना बहुत दर्दनाक है. ऐसी घटना पर कांग्रेस पार्टी कैसे चुप रह सकती है. पीड़ित परिवार अकेले नहीं है. आज संविधान दिवस है और यहां संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है. दलितों पर अत्याचार हो रहा है. इस स्थिति में संविधान दिवस मनाने का कोई औचित्य नहीं है.

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