कोलकाता (नवीन कुमार राय) : कांग्रेस-वामदलों के बीच गठबंधन को लेकर नेताओं के बीच बैठकों का दौर जारी है. इन सबके बीच जगह-जगह सीटों के बंटवारे को लेकर जिलावार जिच जारी है. जमीनी स्तर पर दोनों दलों के बीच टकराव जारी है.
उदाहरण के रूप में मालदा जिला को लें. यहां वाम-कांग्रेस गठबंधन पर जिच कायम है. कांग्रेस जिले की 12 में से 10 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के लिए अडिग है. दूसरी ओर, आरएसपी और फॉरवर्ड ब्लॉक मालीपुर और हरिश्चंद्रपुर निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
हालांकि, जिला माकपा सचिव ने दावा किया कि 12 केंद्रों में उनकी शक्ति बढ़ी है. यद्यपि वर्ष 2016 के विधानसभा चुनावों में वाम-कांग्रेस गठबंधन का इस क्षेत्र में एक समझौता था, लेकिन वामपंथी और कांग्रेस दोनों मालदा की दो सीटों पर अलग-अलग चुनाव लड़े थे.
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हरिश्चंद्रपुर और मालतीपुर की दो सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था. दो विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस जीती. कांग्रेस ने जिले में 9 उम्मीदवारों को उतारा और इनमें से 8 ने चुनाव में जीत दर्ज की. कांग्रेस वैष्णवनगर निर्वाचन क्षेत्र में लगभग साढ़े चार हजार मतों से भाजपा प्रत्याशी से हार गयी.
दूसरी ओर, वर्ष 2016 में माकपा ने गाजन और हबीबपुर केंद्रों से जीत हासिल की. इंगलिश बाजार में वाम मोर्चा और कांग्रेस समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार जीते.
जिला कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष काली साधना रॉय ने कहा, ‘अगर लोकसभा और पंचायत चुनावों को ध्यान में रखा जाये, तो कांग्रेस वाम दलों से बहुत आगे है. उस स्थिति में, वह जिले की दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने के लिए तैयार है. कांग्रेस गजोले में एक उम्मीदवार चाहती है.’
फॉरवर्ड ब्लॉक, आरएसपी कांग्रेस के इस फैसले से नाखुश है. फॉरवर्ड ब्लॉक की सचिव मंडली के सदस्य गोपाल सिकदर ने कहा, ‘हरिश्चंद्रपुर से फॉरवर्ड ब्लॉक उम्मीदवार मुकाबला करेगा. अगर कांग्रेस ने वहां उम्मीदवार उतारा, तो फॉरवर्ड ब्लॉक जिले की चार से पांच और सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करेगी.’
इस बीच, आरएसपी मालतीपुर सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. इस संदर्भ में जिला सचिव सर्बानंद पांडे ने कहा, ‘वे केवल एक सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि, इस शर्मिंदगी के बीच जिला सीपीएम के सचिव अंबर मित्रा ने राज्य नेतृत्व पाले में गेंद दे दिया है.
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उन्होंने यह भी बताया कि सिलहट में सभी 12 निर्वाचन क्षेत्रों में उनकी शक्ति बढ़ी है. दोनों दलों के शिर्ष नेता किसी भी कीमत पर गठबंधन करके मैदान में उतरना चाहते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर टकराव बना हुआ है.
Posted By : Mithilesh Jha