पूर्व पीएम राजीव गांधी की 79वीं जयंती पर बरेली कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया याद, संचार क्रांति का बताया जनक
बरेली में कांग्रेसियों ने पूर्व पीएम राजीव गांधी के जन्मदिन (जयंती) को सद्भावना के दिवस के में मनाया. कांग्रेस पार्टी ने कार्यक्रम आयोजित किए. कांग्रेसियों ने कहा कि अपने कार्यकाल में राजीव गांधी ने कुछ ऐसे काम किए, जिससे देश की 'तस्वीर और तकदीर' दोनों बदल गई थीं.
Bareilly : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 21 मई,1991 को अंतिम जनसभा बरेली में की थी. उन्होंने बरेली शहर के साथ ही आंवला में प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा कर देश में कंप्यूटर क्रांति से ही बदलाव की बात कही थी. इसके साथ ही देश की तरक्की के लिए आपसी सद्भभाव का नारा दिया था. इसके बाद वह दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में चुनावी सभाएं करने को रवाना हो गए थे. मगर,उनके जाने के 23 वर्ष बाद भी बरेली वालों के दिमाग में पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम शब्द गूंजते हैं.
कांग्रेसियों ने बताया संचार क्रांति का जनक
उत्तर प्रदेश के बरेली में कांग्रेसियों ने पूर्व पीएम राजीव गांधी के जन्मदिन (जयंती) को सद्भावना के दिवस के में मनाया. कांग्रेस पार्टी ने कार्यक्रम आयोजित किए. कांग्रेसियों ने कहा कि अपने कार्यकाल में राजीव गांधी ने कुछ ऐसे काम किए, जिससे देश की ‘तस्वीर और तकदीर’ दोनों बदल गई थीं. जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देकर याद किया. उन्होंने संबोधन की शुरुआत “सारा लहू बदन का हमने जमीं को पिला दिया, वतन का जो कर्ज था हमने चुका दिया” से की.
बोले, पूर्व पीएम राजीव गांधी सूचना प्रौद्योगिकी के जनक थे. देश में पंचायती राज व्यवस्था को लाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. राजीव गांधी के उल्लेखनीय कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता. कांग्रेसियों ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर, माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. गोष्ठी का संचालन जिला प्रवक्ता पंडित राज शर्मा ने किया.
सबसे कम उम्र के पीएम
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी ने कहा कि भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने थे और दुनिया के उन राजनेताओं में से एक थे. जिन्होंने भारत जैसे युवा देश में सरकार का कुशल नेतृत्व किया. राजीव गांधी ने उस महान विरासत को आगे बढ़ाया, जो उनके नाना और उनकी मां इंदिरा गांधी जी छोड़ कर गई थी. उन्होंने अपने कार्यकाल में पंचायती राज का गठन किया, संचार क्रांति को तेजी से आगे बढ़ाया.
आज का युवा उनको अपना आदर्श मानता है. उनकी जयंती को पूरा देश सदभावना दिवस के रूप में मना रहा है. प्रदेश प्रवक्ता डॉ.केबी त्रिपाठी ने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी की आधुनिक सोच एवं निर्णय लेने की अदभुत क्षमता थी. उन्होंने युवाओं को वोट देने का अधिकार दिया. इस दौरान पूर्व विधायक मास्टर छोटे लाल गंगवार, जिला महासचिव मीडिया प्रभारी जिया उर रहमान, उवैश खां,जिला उपाध्यक्ष दिनेश दद्दा, जिला उपाध्यक्ष सुरेश बाल्मीकि, जिला महासचिव उल्फत सिंह कठेरिया कमरुद्दीन सैफी, सेवा दल महानगर अध्यक्ष मोहसिन रजा, मोहम्मद जकी, आरसी कन्नौजिया समेत तमाम कांग्रेसी मौजूद थे.
बरेली में अंतिम बार तकनीक क्रांति’का किया था जिक्र
पूर्व पीएम 21 मई को दिन में बरेली आए थे. उन्होंने बरेली में अपने भाषणों में 21वीं सदी में तरक्की का जिक्र किया था. राजीव गांधी का मानना था कि टेक्नोलॉजी के सहारे देश में बदलाव किया जा सकता है. इस बाबत राजीव गांधी ने टेलीकॉम और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर्स में काफी काम करवाया. राजीव गांधी के नाम तकनीक क्रांति के बीज बोने का श्रेय भी जाता है.
राजीव गांधी की सरकार में देश में पूरी तरह असेंबल किए हुए मदरबोर्ड और प्रोसेसर लाने की अनुमति दी. सरकार के इस फैसले के कारण देश में कम्प्यूटर सस्ते हुए. राजीव गांधी के प्रयास से ही नारायण मूर्ति और अजीम प्रेमजी जैसे लोगों को विश्वस्तरीय आईटी कंपनियां खोलने की प्रेरणा मिली. इसके अलाव टेलीकॉम सेक्टर में भी राजीव गांधी ने क्रांति लाई थी.
युवाओं को दिया वोट का अधिकार
इसके अलावा पूर्व पीएम राजीव गांधी ने कुछ और ऐसे काम किए, जिनकी चर्चाएं आज भी देश में होती है. खासकर, युवाओं को वोट का अधिकार दिया. मतदाताओं की उम्र सीमा घटना. पंचायती राज के लिए संघर्ष, अर्थव्यवस्था के सेक्टर्स को खोलना और ईवीएम मशीनों की शुरुआत करना भी इनमें शामिल हैं.
बम विस्फोट में गई जान
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 में हुआ था. 1991 में एक चुनावी रैली में बम धमाके में हुई उनकी हत्या ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था. उनकी हत्या श्रीलंका में स्थित एक सशस्त्र तमिल अलगाववादी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलएलटीई) ने की थी. राजीव गांधी मई 1991 में लोकसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त थे.
21 मई को आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम में चुनाव प्रचार के बाद उनका अगला पड़ाव तमिलनाडु का श्रीपेरंबदूर था. जहां वे जीके मूपनार के लिए प्रचार करने वाले थे. मद्रास (अब चेन्नई) पहुंचने के दो घंटे बाद, राजीव गांधी को एक कार में बैठाकर श्रीपेरंबदूर ले जाया गया. वहीं बम ब्लास्ट में उनकी जान गई थी.
रिपोर्ट-मुहम्मद साजिद, बरेली