बिहटा एयरपोर्ट के निर्माण का रास्ता हुआ साफ, अगले माह टेंडर के बाद शुरू होगा कार्य
बिहटा में सिविल एनक्लेव के निर्माण के लिए राज्य सरकार के द्वारा 108 एकड़ जमीन एयरपोर्ट ऑथोरिटी को दी गयी है. इसके बाद एयरपोर्ट ऑथोरिटी ने इस जमीन को चारदीवारी निर्माण के लिए बिहार स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड को दिया है
पटना. बिहटा में सिविल एनक्लेव के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय की समिति के पास लगभग एक वर्ष से विचाराधीन इसके प्रस्ताव को वित्तीय मंजूरी मिल गयी है और जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी होगा. टेंडर राशि लगभग 900 करोड़ रुपये तक रहने का अनुमान है. हलांकि तीन साल पहले जब इसके निर्माण का डीपीआर बना था तो अनुमानित लागत 800 करोड़ रुपये के आसपास था. लेकिन अब निर्माण कार्य शुरू होने में लगभग तीन वर्षों की देरी के कारण बढ़ कर इसके 900 करोड़ रुपये के आसपास हो जाने की संभावना है.
चारदीवारी से घेरा 108 एकड़ जमीन
बिहटा में सिविल एनक्लेव के निर्माण के लिए राज्य सरकार के द्वारा 108 एकड़ जमीन एयरपोर्ट ऑथोरिटी को दी गयी है. इसके बाद एयरपोर्ट ऑथोरिटी ने इस जमीन को चारदीवारी निर्माण के लिए बिहार स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड को दिया है जिसने लगभग सात करोड़ रुपये में चारदीवारी का निर्माण पूरा कर लिया है. ऑथोरिटी को जमीन मिलने के बाद ही इस परियोजना को वित्तीय मंजूरी देने का रास्ता साफ हुआ क्योंकि जब तक निर्माण स्थल की जमीन अधिकार में नहीं हो, तब तक निर्माण कार्य से जुड़े किसी भी प्रस्ताव को पूरा करना संभव नहीं है.
आठ एकड़ जमीन का मामला अब भी अटका
हलांकि बाद में पार्किंग निर्माण के लिए मांगी गयी आठ एकड़ जमीन अब भी एयरपोर्ट ऑथोरिटी को नहीं मिली है. इसके मिल जाने के बाद ही डीपीआर के अनुरूप बिहटा में सिविल एनक्लेव का निर्माण संभव हो सकेगा. बिहटा में दो मंजिला सिविल एनक्लेव के निर्माण का प्रस्ताव है. आरंभ में यह एक मंजिला होगा और इसकी क्षमता 25 लाख यात्री सालाना की होगी. जरूरत पड़ने पर बाद में इसे दो मंजिला बनाकर इसकी क्षमता को दोगुना (50 लाख यात्री सालाना) किया जा सकता है.
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रनवे विस्तार के लिए जरुरत पड़ेगी 191.5 एकड़ जमीन की
बिहटा एयरपोर्ट का वर्तमान रनवे 2500 मीटर लंबा है. इस पर जंबो जेट और बड़े कार्गों विमान नहीं उतर सकते हैं. इसके लिए 3500 मीटर रनवे जरुरी है. रनवे को एक हजार मीटर बढ़ाने के लिए 191.5 एकड़ जमीन की और जरुरत पड़ेगी. हलांकि यह अधिग्रहण बेहद मुश्किल होगा क्योंकि पूरब की ओर जिधर रनवे को बढ़ाना है उधर सुफुरदुनीपुर गांव है. इस गांव की बड़ी आबादी को हटाकर रनवे को बढ़ाना आसान नहीं है.