कुआरमुंडा ब्लाॅक अंतर्गत झारबेड़ा के ग्रामीणों ने देव नदी पर निर्माणाधीन मिटकुंदरी-लहंडा ब्रिज पांच साल के बाद भी पूरा नहीं होने पर आक्रोश जताया. उनका कहना है कि ब्रिज का निर्माण 30 जून 2018 से शुरू होकर 29 जून 2020 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी ब्रिज का काम पूरा नहीं हो सका है. साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि यदि बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम 15 महीनों के रिकाॅर्ड समय में बनकर तैयार हो सकता है, तो इस ब्रिज का निर्माण पूरा करने में क्याे देरी हो रही है.
इस बाबत सुंदरगढ़ जिलापाल को ज्ञापन सौंपकर इस ब्रिज का निर्माण आगामी जून , 2023 तक पूरा करने की मांग की है. ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया है कि इस ब्रिज का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है. जिससे आगामी बारिश के दिनों में इस नदी में पानी का स्तर बढ़ने से कुआरमुंडा व नुआगांव ब्लाॅक के 25 गांवों के विद्यार्थी, दिहाड़ी मजदूर, किसान, शिक्षक-शिक्षिकाएं व आम ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इसमें राउरकेला जाने के लिए 50 से 60 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी.
यदि इस ब्रिज का निर्माण आगामी जून तक पूरा हो जाता है तो इन 25 गांवों के ग्रामीण उपकृत होंगे. इसके साथ ही मंच ने कुआरमुंडा ब्लाॅक में पांच साल पहले शुरू हुई बीजू गांव गाड़ी बंद होने से निराशा जताया. साथ ही जिस प्रकार राउरकेला से नुआगांव ब्लाॅक तक मो बस योजना के तहत बस चलायी जा रही है, उसी प्रकार राउरकेला-कुआरमुंडा के लिए भी मो बस चलाने की मांग की है. मौके पर अनिल एक्का, लुइस एक्का, माथियास लकड़ा, लाजरूस लामगा, अमृतलाल एक्का, विराज लामगा, रसाल लामगा, विपिन किंडो, विनोद किंडो, राजेंद्र टोप्पो, अमरजीत एक्का शामिल थे.
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