Gorakhpur: गोरखपुर में बिजली कर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण ग्रामीण उपभोक्ताओं का काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बिजली निगम के अभियंताओं और कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल का असर कई जगह विद्युत व्यवस्था पर देखने को मिला है. शहरी क्षेत्रों में कुछ इलाकों में हड़ताल के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सहजनवा, बड़हलगंज और चौरी चौरा में कई घंटों बिजली गुल रही. जहां कहीं पर लोकल फाल्ट हुआ, वह लोगों को इसके ठीक होने का इंतजार करते दिखे.
गोरखपुर में ग्रामीण क्षेत्र के चार बिजली घरों में 33 केवी लाइन में ब्रेक आउट होने से इससे जुड़े 215 से अधिक गांवों में सुबह 11 बजे से ही बिजली कट गई. जहां पर देर शाम तक बिजली की आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई. काफी देर तक बिजली गुल होने की वजह से लोगों के इनवर्टर भी जवाब दे गए. इतना ही नहीं बिजली आपूर्ति नहीं होने की वजह से घरों में पानी की टंकी भी खाली हो गई है. जिससे उन्हें पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
वहीं अधिकारियों के मुताबिक जहां कहीं फाल्ट हो रहा है, उसे जल्द से जल्द ठीक करा लिया जाएगा. हालांकि धरातल पर ऐसा नहीं है. गुरुवार की रात 10 बजे से बिजली निगम के अभियंता और कर्मचारी 72 घंटे के लिए हड़ताल पर हैं, ऐसे में बेहतर वैकल्पिक इंतजाम नहीं होने से समस्या बनी हुई है. जिन क्षेत्रों में बिजली गायब है, वहां शक्रवार को स्थिति और खराब देखी गई.
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बड़हलगंज कस्बा और चिल्लूपार क्षेत्र में कई घंटे गुजरने के बाद भी उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान नहीं हो सका है. विद्युत उप केंद्र जगदीशपुर में भी बिजली आपूर्ति ठप रही. गुरुवार को सुबह से उपकेंद्र का पूर्वी फीडर ब्रेकडाउन हो जाने के कारण सुबह से ही आपूर्ति बंद हो गई. काफी मशक्कत के बाद इसे ठीक कराया जा सका.
अधिकांश जगह संविदा बिजली कर्मचारी भी नियमित कर्मियों के प्रभाव के चलते राहत नहीं दे पा रहे हैं. बिजली फाल्ट होने के बाद कई संविदा कर्मियों के मोबाइल स्विच ऑफ हैं. ऐसे में कार्य बहिष्कार उपभोक्ताओं पर काफी भारी पड़ रहा है. इससे पहले ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही. इसके बाद विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति से जुड़े कर्मचारी रात 10 बजे से हड़ताल पर चले गए हैं.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और काम पर डटे कर्मियों से अभद्रता करने वालों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी. वहीं संविदाकर्मी एवं आउटसोर्सिंग कर्मी हड़ताल पर गए तो तत्काल उनकी सेवा समाप्त की जाएगी. उन्होंने बताया कि एनटीपीसी सहित अन्य उपक्रमों एवं विभिन्न मैन पावर एजेंसियों में तकनीकी कर्मचारियों को रिजर्व रखा गया है. सभी निगमों को रिजर्व कर्मियों की सूची दी गई है, जहां जरूरत पड़ेगी बुलाया जाएगा.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप,गोरखपुर