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गिरिडीह कांग्रेस जिलाध्यक्ष की कुर्सी पाने को दिल्ली कूच कर रहे दावेदार

कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद को लेकर दावेदारों के बीच मुकाबला रोचक हो गया है. हर दावेदार जिलाध्यक्ष की कुर्सी पाने को लेकर आतूर है. लिहाजा दावेदारों ने पूरी ताकत झोंक दी है. गिरिडीह और रांची के बाद अब जोर आजमाइश करने के लिए जिलाध्यक्ष पद के दावेदार दिल्ली कूच कर रहे हैं.

सूरज सिन्हा, गिरिडीह

Giridih News: कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद को लेकर दावेदारों के बीच मुकाबला रोचक हो गया है. हर दावेदार जिलाध्यक्ष की कुर्सी पाने को लेकर आतूर है. लिहाजा दावेदारों ने पूरी ताकत झोंक दी है. गिरिडीह और रांची के बाद अब जोर आजमाइश करने के लिए जिलाध्यक्ष पद के दावेदार दिल्ली कूच कर रहे हैं. इनमें से कुछ दिल्ली पहुंच गये हैं, वहीं कुछ जाने की तैयारी में हैं.

दावेदारों ने दिया है साक्षात्कार

बता दें कि 27 जुलाई को रांची में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय समेत संगठन के प्रमुख नेताओं के समक्ष जिलाध्यक्ष पद के लिए लगभग पांच दावेदारों ने साक्षात्कार दिया. दावेदारों में सतीश केडिया, अजय कुमार सिन्हा, धनंजय सिंह, अशोक विश्वकर्मा व महसर इमाम आदि शामिल है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक रांची में जिलाध्यक्ष पद के लिए तमाम प्रक्रिया से गुजरने के बाद दावेदारों की रिपोर्ट पार्टी आलाकमान के पास भेज दी गयी है. माना जा रहा है कि इसी माह नये जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल द्वारा की जा सकती है. इसी के मद्देनजर दावेदार दिल्ली की ओर दौड़ लगाने लगे हैं.

सतीश केडिया और धनंजय सिंह पहुंचे दिल्ली

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता सतीश केडिया और धनंजय सिंह दिल्ली पहुंच चुके हैं. वहीं अजय कुमार सिन्हा एवं अशोक विश्वकर्मा आज दिल्ली जायेंगे. जहां तक कांग्रेस जिलाध्यक्ष नरेश वर्मा की बात है तो वह भी दिल्ली में हैं. दावेदार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. चर्चा है कि कई दावेदार अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कांग्रेस के सांसद, पूर्व सांसद समेत सांगठनिक नेताओं से पैरवी करवा रहे हैं. हालांकि जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों द्वारा सभी पहलुओं को गुप्त रखा जा रहा है. दिलचस्प बात यह है कि फोन के माध्यम से हरेक दावेदार दूसरे की गतिविधियों की खबर प्राप्त करने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

जिलाध्यक्ष के लिए हो रही रस्साकस्सी

सूत्रों के मुताबिक यह पहला मौका है जब जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों की बीच इतनी रस्साकस्सी चल रही है. चूंकि झारखंड में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार है. सत्ता के गलियारे तक सीधे पहुंचने के लिए कोई भी दावेदार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है. यही वजह है कि पार्टी के निर्देश पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भी दावेदारों ने जमकर पसीना बहाने का काम किया. भारत गौरव यात्रा के दौरान यह साफ दिखा. बहरहाल, आठ वर्षों के बाद गिरिडीह कांग्रेस जिलाध्यक्ष का बदलाव होने जा रहा है. अब किनकी इच्छा पूरी होती है इसका आने वाले दिनों में ही पटाक्षेप हो पायेगा.

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