कोडरमा में लगातार बारिश से मिट्टी का मकान गिरने से एक की मौत, 15 लाख रुपए, सरकारी नौकरी व पीएम आवास की मांग
कोडरमा जिले में लगातार हो रही बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जयनगर प्रखंड में एक कच्चा मकान गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है. उसका नाम पीएम आवास के लाभुक की सूची में था, लेकिन उसे इसका लाभ नहीं मिला.
कोडरमा जिले के जयनगर प्रखंड में लगातार बारिश हो रही है. वर्षा होने के कारण लोगों को गर्मी से तो राहत मिली, लेकिन गरीब एवं कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है. एक कच्चा मकान गिर जाने की वजह से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है. मामला सतडीहा पंचायत अंतर्गत लतवेधवा गांव का है. यहां लगातार बारिश के कारण एक मिट्टी का मकान ध्वस्त हो गया और उसके मलबे में दबने से लतवेधवा निवासी 52 वर्षीय सदानंद सिंह पिता स्व परमेश्वर सिंह की मौत हो गई. हालांकि, परिवार वाले सदानंद सिंह को मलबे से निकालकर सदर अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने बताया कि सदानंद सिंह मवेशी चराकर खाना खाने के लिए घर आया था. खाना खाने के बाद मिट्टी के मकान में आराम कर रहा था. इसी दौरान मकान का एक हिस्सा उस पर गिर गया. मलबे में दबने से उसकी मौत हो गयी. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक के परिवार में दो पुत्र, एक पुत्री, पत्नी व मां है. अपने घर का वह इकलौता कमाऊ व्यक्ति था.
15 लाख रुपए मुआवजा, सरकारी नौकरी की मांग
घटना की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी उमानाथ सिंह, मुखिया प्रतिनिधि सुरेश यादव, पंसस प्रतिनिधि अनिल यादव, सीओ ओम प्रकाश बड़ाईक, सीआई, कर्मचारी, पंचायत सचिव व अन्य ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का मुआयना किया. घटना पर दुख जताते हुए भीम आर्मी ने मृतक के परिवार को 15 लाख रुपए मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और प्रधानमंत्री आवास देने की मांग की है.
पीएम आवास बन गया होता, तो शायद नहीं जाती जान
मृतक सदानंद सिंह का नाम पीएम आवास की पहली सूची में दर्ज था. विभागीय लापरवाही व पदाधिकारियों की कार्यशैली के कारण सदानंद को पीएम आवास का लाभ नहीं मिल सका. पीएम आवास का लाभ अगर उसे मिल गया होता, तो शायद उसकी जान नहीं जाती. बताया जाता है कि आवास के लिए वह प्रखंड कार्यालय के चक्कर काटकर थक चुका था. प्रतीक्षा सूची में उसका नाम शामिल था, मगर डाटा डिलीट हो जाने के कारण उसका लाभ नहीं पाया. वह बार-बार आवास के लिए प्रखंड कार्यालय में आवेदन देता रहा, मगर प्रशासनिक शिथिलता के कारण उसे आवास नहीं मिल पाया.