शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नर्सों की लापरवाही सामने आयी है. इसका खामियाजा प्रसव कराने आये दो परिवारों को उठाना पड़ रहा है. अस्पताल में दस मिनट के अंदर दो महिलाओं की डिलेवरी के बाद नवजात को लेकर भ्रम हो गया. नर्सों द्वारा एक को लड़का, दूसरे को लड़की देने के बाद विवाद शुरू हो गया. घटना छह दिसंबर की देर रात की है. विवाद इतना बढ़ा कि सदर विधायक मनीष जायसवाल रात में ही मेडिकल कॉलेज पहुंच गये. एक पक्ष ने सदर थाना में आवेदन देकर डीएनए जांच कराने के बाद नवजात को स्वीकार करने की बात कही है. इसपर अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि कोर्ट से कोई आदेश आता है तो आवेदन देने वाले का डीएनए सैंपल लिया जायेगा. विवाद पिछले 24 घंटे से अस्पताल में चल रहा है. नवजात बच्ची को परिजनों द्वारा नहीं लेने के कारण एसएनसीयू में रखा गया है. दोनों ही परिवार को दूसरा प्रसव था. इससे पहले दोनों को एक-एक लड़की है.
यह है मामला
बड़कागांव आराहारा की दीपिका कुमारी पति चतुर्भुज कुमार राणा और इटखोरी नगवां की शोभा देवी पति मुकेश यादव छह दिसंबर को प्रसव कराने के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे. दीपिका के पति चतुर्भुज राणा ने बताया कि पत्नी को डिलेवरी कराने के लिए नर्स करीब सात बजे ओटी में ले गये. दस मिनट पहले इटखोरी की शोभा देवी को भी डिलेवरी के लिए ओटी में ले गये थे. दोनों परिवार ओटी के बाहर एक स्थान पर बैठे थे. करीब आठ बजे ओटी से निकलकर नर्स ने कहा कि शोभा देवी के परिजन कौन हैं. उसे लड़का हुआ है. कुछ देर बाद नर्सों ने बाहर निकलकर बताया कि शोभा को लड़का नहीं लड़की हुई है. इसी बात को लेकर भ्रम पैदा हो गया. इधर, इटखोरी नगवां की शोभा के पति मुकेश यादव और बहन रंजू देवी ने बताया कि शोभा देवी को लड़का हुआ है. कपड़ा और अन्य जरूरी सामान लाकर दें. हम लोगों ने नर्सों को सभी सामान उपलब्ध कराया. नवजात को देखने के लिए पिता मुकेश यादव को बुलाया गया. नर्सों ने कहा कि आपको लड़का हुआ है. मिठाई खाने के लिए डेढ़ हजार रुपये नर्सों को दिया. कुछ देर बाद नर्सों ने कहा कि बच्चे काे डॉक्टर से दिखाना है इसलिए इसे हमलोगों को दे दें. थोड़ी देर बाद बताया कि आपलोगों को लड़का नहीं लड़की हुई है.
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मामला विधायक तक पहुंचा
नवजात अदला-बदली का विवाद बढ़ने के बाद इसकी शिकायत सदर विधायक मनीष जायसवाल से की गयी. विधायक ने दोनों पक्षों को समझाकर आश्वस्त किया कि उन्हें न्याय मिलेगा. विधायक ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन से डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है. शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक विनोद कुमार ने कहा कि नर्स की गलती की वजह से यह विवाद हुआ है. ओटी में ऑपरेशन कर रहे डॉक्टर ने बीएसटी पर प्रसव के बाद लड़का और लड़की का जिक्र किया है. उन्हें ऑपरेशन के बाद डॉक्टर द्वारा लड़का और लड़की के बारे में उनकी मां को बता दिया गया था.
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