UP news : चकेरी धर्मांतरण नेटवर्क को ध्वस्त करेंगी NIA और STF , कोलकाता से जुड़ी हैं जड़ें, जानिये मामला
ग्रामीण इलाकों के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पिकनिक के बहाने फ्लैट पर लाया जाता था. यहां उनका ब्रेनवॉश किया जाता था. गिरफ्तार किये गये लोगों ने पूछताछ में कई खुलासे किये हैं. गंगा मेला के बाद एक टीम कोलकाता भी जांच के लिये जायेगी.
कानपुर. चकेरी धर्मांतरण मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और उत्तर प्रदेश की स्पेशल टॉस्क फोर्स (UP STF) मिलकर करेंगी. हिन्दुओं को ईसाई बनाने वालों के इस नेटवर्क को खत्म करने के लिये यह निर्णय लिया गया है. धर्म परिवर्तन कराने वालों का संबंध फतेहपुर और प्रयागराज मामले से भी हो सकता है. इसी संभावना को देखते हुए जांच का जिम्मा उसी टीम को दिया गया है जो प्रयागराज और फतेहपुर मामले की जांच पहले से कर रही हैं. खुफिया एजेंसी भी हाल के दिनों में बने चर्च आदि के बारे में जानकारी जुटा रही हैं .
गांव के बच्चों का पिकनिक की आड़ में बुलाकर होता था ब्रेनवॉश
कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र के श्याम नगर स्थित अपार्टमेंट के एक फ्लैट से धर्मांतरण के मामले का खुलासा हुआ था. पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में साहित्य,फ़ोटो,वीडियो, कंप्यूटर आदि सामान बरामद किया था. ग्रामीण इलाकों के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पिकनिक के बहाने फ्लैट पर लाया जाता था. यहां उनका ब्रेनवॉश किया जाता था. इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. उनसे पूछताछ के आधार पर जांच आगे बढ़ रही है. आरोपी मोटी रकम लेकर इस काम को अंजाम दे रहे थे. पुलिस फंडिंग के स्रोत और मास्टरमाइंड की तलाश में है.
फंडिंग के संबंध में भी जानकारियां जुटाई जा रही
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त ( JCP) आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि चकेरी प्रकरण की जांच का जिम्मा फतेहपुर और प्रयागराज मामले की जांच करने वाली टीम को दिया गया है. अभी तक की जांच में पाया गया है कि चेकरी में धर्मांतरण कराने वालों की कोलकाता में भी बातचीत होती थी. सारी कड़ियों को जोड़ने के लिये पुलिस की एक टीम को कोलकाता भेजा जा रहा है. जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी का दावा है कि मामले की गंभीरता से जांच चल रही है. फंडिंग के संबंध में भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं.