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गाजियाबाद में गेमिंग ऐप से हो रहा था धर्मांतरण, जामा मस्जिद का पूर्व सदस्य गिरफ्तार, ऐसे बनाते थे शिकार

गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग एप पर युवाओं का धर्म परिवर्तन कराने के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है. जैन परिवार का नाबालिग बेटा जिम जाने के बहाने जिस मस्जिद में 5 बार नमाज पढ़ने के लिए जाता था, उस मस्जिद कमेटी के पूर्व सदस्य अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को गिरफ्तार किया गया है.

Ghaziabad : यूपी के गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग एप पर युवाओं का धर्म परिवर्तन कराने के मामला में कविनगर पुलिस ने खुलासा किया है. जैन परिवार का नाबालिग बेटा जिम जाने के बहाने जिस मस्जिद में 5 बार नमाज पढ़ने के लिए जाता था, उस मस्जिद कमेटी के पूर्व सदस्य अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को गिरफ्तार किया गया है. खुलासे में सामने आया है कि एक ऐसा गैंग एक्टिव था, जो ऑनलाइन गेम जिताने के लिए कुरान की आयतें पढ़वाता था.

फिर ब्रेनवॉश करके उनका धर्मांतरण कराता था. आरोपी के मोबाइल से धर्मांतरण से जुड़े सबूत भी मिले हैं. धर्म परिवर्तन का यह गिरोह मुंबई से संचालित हो रहा है. इसका मुख्य आरोपी बद्दो उर्फ खान शहनवाज मकसूद है जो मुंबई का रहने वाला है.

नमाज पढ़ता था जैन परिवार का नाबालिग बेटा

राजनगर निवासी एक व्यक्ति ने थाना कविनगर में संजयनगर सेक्टर-23 की मस्जिद के मौलवी और मुंबई निवासी BADDO नामक शख्स पर उप्र विधि-विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 के तहत 30 मई को FIR दर्ज कराई थी. पीड़ित पिता के अनुसार, ‘मेरा नाबालिग बेटा पिछले कुछ वक्त से परिवार के साथ अजीब-अजीब तरह का व्यवहार कर रहा है. वह घर से पांच बार जिम करने की बात कहकर निकल जाता था और कई-कई घंटे बाद वापस आता था.

मुझे जब शक हुआ तो मैंने उसका पीछा किया, फिर पता चला कि वह संजय नगर सेक्टर-23 की मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए जाता है. ये देखकर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई. मैंने इस बारे में फिर अपने बेटे से बात की. उसने इस्लाम को अन्य धर्म से बेहतर बताया और कहा कि वह मन से इस्लाम धर्म को स्वीकार कर चुका है. मैंने जब बेटे के मोबाइल-लैपटॉप की जांच की, तो उसमें इस्लाम धर्म से जुड़ी ढेरों सामग्रियां मिली.

अब्दुल रहमान कौन है?

पुलिस ने इस मामले में अब्दुल रहमान नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि यह पूर्व में संजयनगर सेक्टर-23 की मस्जिद कमेटी का सदस्य था. दो महीने पहले ही इसे कमेटी से बाहर निकाल दिया गया था. मूलरूप से बलिया का रहने वाला है. पूछताछ में अब्दुल रहमान ने बताया कि वो गैर मुस्लिम लड़कों को इस्लाम के बारे में बताता था. इसी क्रम में उसकी पहचान एक साल पहले दो नाबालिग लड़कों से हुई.

इसमें एक जैन और दूसरा हिन्दू था. उसने इस्लाम को सर्वोपरि बताकर दोनों किशोरों को उकसाया. ये उसके बातों से प्रभावित हो चुके थे और नमाज पढ़नी भी शुरू कर दी थी. लेकिन जैन फैमिली को इसका पता चल गया. पकड़े जाने के डर से आरोपी ने अपने मोबाइल की सारी हिस्ट्री और चैट डिलीट कर दी.

ये हैं धर्मांतरण के 3 स्टेप

डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल ने बताया कि जांच में अभी तक चार किशोरों को इस्लाम के प्रति आकर्षित कराने की बात सामने आई है. इनमें से दो गाजियाबाद के किशोर हैं और एक चंडीगढ़ व एक फरीदाबाद का है. इस मामले में पुलिस के साथ हुई पूछताछ में तीन पीड़ित बच्चों से पता चला कि धर्मांतरण के तीन स्टेप थे.

पहले स्टेप में एक ऐसा गैंग एक्टिव था जो मुस्लिम या अन्य धर्मों के नाम से ID बनाकर मोबाइल-कम्प्यूटर पर Fort Nite ऐप पर गेम्स खेलता था. अगर कुछ लड़के गेम हार जाते थे तो उन्हें कुरान की आयत पढ़वाई जाती थी और फिर उन्हें गेम जिताकर कुरान का भरोसा कायम किया जाता था.

सेकेंड स्टेप में Discord App के द्वारा मुस्लिम लड़के हिन्दू नाम की यूजर आईडी बनाकर हिन्दू लड़कों से चैटिंग करते थे. उन्हें इस्लामिक रीति-रिवाज अपनाने के लिए बहला-फुसलाते थे.

तीसरे स्टेप में वे प्रतिबंधित इस्लामिक प्रवक्ता जाकिर नाईक के कुछ वीडियो स्पीच सुनाकर इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करते थे. साथ ही वे इस्लामिक कल्चर और रीति-रिवाज के संबंध में सारी जानकारी उपलब्ध कराते थे.

शहनवाज को पकड़ने पुलिस महाराष्ट्र हुई रवाना

जिस जैन फैमिली के नाबालिग लड़के ने मुंबई के BADDO नामक व्यक्ति से ऑनलाइन संपर्क किया था, उसकी मूल पहचान खान शहनवाज मकसूद के रूप में हुई है. वो महाराष्ट्र में ठाणे का रहने वाला है. गाजियाबाद पुलिस की एक टीम शहनवाज को पकड़ने के लिए महाराष्ट्र रवाना हो गई है. मामले में आईबी और एटीएस भी जांच में जुटी है.

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