झारखंड में सोमवार को कोरोना ब्लास्ट हुआ. राजधानी रांची समेत राज्य के 16 जिलों में कुल 187 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. राज्य में अब तक कुल 1330 कोरोना संक्रमित िमले हैं. इनमें 519 स्वस्थ हो चुके हैं. जबकि सात की मौत हो चुकी है. राज्य में 804 एक्टिव केस हैं. स्वास्थ्य विभाग ने आशंका जतायी थी कि 15 जून तक राज्य में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1500 पार पहुंच सकता है. लेकिन, जिस रफ्तार से नये संक्रमित मिल रहे हैं, उससे लगता है कि संभावित तारीख के पहले ही संक्रमितों का अनुमानित आंकड़ा सामने आ जायेगा.
सोमवार को सिमडेगा से 59, धनबाद से 19, गुमला से 18, चतरा से 17, लातेहार से 14, लोहरदगा से 13, पाकुड़ से 12, जामताड़ा से नौ,देवघर से पांच, गढ़वा से पांच, पू सिंहभूम से चार, खूंटी से तीन, हजारीबाग से तीन, रांची से तीन, रामगढ़ से दो और गिरिडीह से एक कोरोना संक्रमित मिले हैं.
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जुड़े अंधविश्वास ने पलामू के पांडू में एक महिला का जान ले ली. रविवार को पांडू के सिलदिली के टोला सिकनी में 20-25 महिलाओं ने ‘कोरोना माई’ का उपवास रखा था. वशिष्ठ पासवान की पत्नी वैजयंती देवी(40) भी इनमें शामिल थी. शाम में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गयी. ब्लड प्रेशर लो होने के साथ उसमें लकवा के भी लक्षण दिखने लगे. पेट में दर्द भी था. रात नौ बजे स्थिति गंभीर होने पर परिजन उसे इलाज के लिए मेदिनीनगर ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी.
लोगों ने बताया कि इस गांव में महिलाओं के बीच अफवाह फैली थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए ‘कोरोना माई’ की पूजा करना जरूरी है. जो महिलाएं व्रत करेंगी, उनके खाते में पैसे भी भेजे जायेंगे. इसी को लेकर सिकनी गांव में 20 से 25 महिलाओं ने उपवास रखा था. उपवास रहने से वैजयंती देवी की तबीयत बिगड़ी और मौत हो गयी.
राज्यसभा चुनाव 2016 दौरान हॉर्स ट्रेडिंग होने के आरोपों की जांच एक बार फिर शुरू होने जा रही है. जगन्नाथपुर थाने में दर्ज इस मामले की समीक्षा एडीजी सीआइडी अनिल पालटा कर चुके हैं. अब डीआइजीअखिलेश झा ने इस मामले के अनुसंधानकर्ता को 35-40 बिंदुओं पर जांच करने के आदेश दिये हैं. इसमें कहा गया है कि बिरसा केंद्रीय कारा होटवार में बंद पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से ओरिजनल रिकॉर्डिंग यंत्र हासिल कर मामले से जुड़े बड़े नेताओं, अफसरों और अन्य लोगों से फिर से पूछताछ की जाये.
गौरतलब है कि पूर्व में भी पुलिस ने योगेंद्र साव से ओरिजनल रिकॉर्डिंग यंत्र मांगने को लेकर करीब सात बार नोटिस भेजा था. लेकिन, यंत्र उपलब्ध नहीं कराया गया. बल्कि सीडी में उसकी एक कॉपी बना कर पुलिस को दे दी गयी थी. जांच में पाया गया कि पुलिस को दी गयी सीडी टेंपर (छेड़छाड़) हुई है. आवाज के आधार पर संबंधित नेताओं का साउंड लेकर उसकी जांच भी पुलिस ने नहीं करायी.
मामले में साक्ष्य की कमी बता फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दी गयी थी. इस मामले में आरोपों में घिरे एडीजी अनुराग गुप्ता को निलंबित किया गया था. जबकि, इनके खिलाफ चलायी जा रही विभागीय कार्यवाही का संचालन पदाधिकारी डीजीपी एमवी राव को बनाया गया था. लेकिन, इस मामले में भी कार्रवाई की बात सामने नहीं आयी है.
101 शिक्षकों के नाम पर रांची विवि और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि (डीएसपीएमयू) ने सरकार से पैसे ले लिये. शिक्षकों के नाम पर दोनों विवि ने सरकार से कुल 19.80 करोड़ रुपये लिये. रांची विवि ने डीएसपीएमयू (पूर्व में रांची कॉलेज) के 101 शिक्षकों के नाम पर राज्य सरकार से सातवें वेतनमान के एरियर के रूप में 9.90 करोड़ रुपये लिये.
वहीं इन्हीं शिक्षकों के नाम पर डीएसपीएमयू ने भी 9.90 करोड़ रुपये सरकार से ले लिये. डीएसपीएमयू ने 9.90 करोड़ रुपये शिक्षकों के बीच तत्काल बांट भी दिये, जबकि रांची विवि ने जो 9.90 करोड़ लिये, वह उसके खाते में पड़े हैं. इधर बिना छानबीन किये तथा इतनी बड़ी रकम निर्गत करने से उच्च शिक्षा निदेशालय और ट्रेजरी की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं.
कोविड-19 के कारण बनी असामान्य परिस्थितियों में आठ नगर निकायों को अब मेयर या अध्यक्ष के नेतृत्व वाले निकाय प्रतिनिधियों के बोर्ड की जगह प्रशासक या विशेष पदाधिकारी चलायेंगे. राज्य में तीन नगर निगम आैर पांच नगर परिषद का कार्यकाल 18 से 30 जून के बीच समाप्त हो रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा फिलहाल चुनाव स्थगित कर देने से धनबाद, देवघर व चास नगर निगम के अलावा चक्रधरपुर, झुमरीतिलैया, विश्रामपुर, कोडरमा व मझियांव नगर परिषद में जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो जायेगा.
इन आठ निकायों में मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व पार्षदों के पद रिक्त होंगे. कोविड-19 के खतरे को देखते हुए अभी चुनाव संभव नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार ने निकायों का संचालन अधिकारियों को सौंपने का फैसला किया है. चुनाव होने तक नगर निगम का संचालन प्रशासक तथा नगर परिषदों का संचालन विशेष पदाधिकारी करेंगे.