कैमूर : बिहार में कैमूर के कर्मनाशा में कोरोना का असर एक शादी के आयोजन पर देखने को मिला. जहां कोरोना की छाया में दिलशाद व गाजीपुर की शाहजहां की शादी संपन्न हुई. अपनी बेटी की शादी में अपने मेहमानों को निमंत्रित करने वाले पिता ने अपने संदेश में कहा, शादी की पार्टी में न आएं. कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए मेरी बेटी की शादी में शरीक न हों. हमने इस आयोजन को साधारण रखने का फैसला लिया है. हमने दावत-ए-वलीमा रद्द कर दिया है. इसलिए खुद को जोखिम में डाल कर शादी में आने की जरूरत नहीं है.
एक हजार के करीब बांटे थे निमंत्रण पत्र
जानकारी के अनुसार, दुर्गावती प्रखंड के छाता गांव के बदरूद्दीन खान के बेटे दिलशाद की शादी 23 मार्च को यूपी में गाजीपुर जिले में दिलदारनगर के इसरार खां की बेटी शाहजहां के साथ तय थी. इधर, लड़के के पिता बदरुद्दीन ने बताया कि हम दोनों ही लड़के और लड़की पक्षवालों ने मिल कर एक हजार के करीब निमंत्रण पत्र बांटे थे.
सबको जोर देकर कहा था, शादी में जरूर आएं
हमने सबको जोर देकर कहा था कि शादी में जरूर आएं. लेकिन, अब सरकार ने आदेश जारी किया है कि लोग कहीं भी बड़ी संख्या में न इकट्ठा हों. इसलिए हमने सबकी भलाई को देखते हुए दावत-ए-वलिमा का कार्यक्रम रद्द करने का फैसला लिया है. उम्मीद है कि ऐसे हालात का सामना किसी और को न करना पड़े. किसी भी दूल्हे-दुल्हन के लिए शादी एक खास आयोजन होता है.
शादी के दिन का इंतजार कर रहे थे दोनों पक्ष
दोनों पक्ष इस शादी को लेकर खासा उत्साहित थे. जब से शादी तय हुई थी, तब से दोनों पक्ष शादी के दिन का इंतजार कर रहे थे. साड़ी और गहने खरीदने के बाद से लड़की उस लम्हे का इंतजार कर रही थी कि कब वो दुल्हन के लिबास में सज के तैयार हो.
शादी की तैयारी में दिन-रात लगे हुए थे दोनों पक्षों के लोग
इधर, दोनों घरों के लोग भी शादी की तैयारी में दिन-रात लगे हुए थे. निमंत्रण पत्र छप भी गये थे. दोनों परिवारों ने अपने मेहमानों को निमंत्रण पत्र भेज भी दिया था. शादी के लगभग सारे बंदोबस्त हो चुके थे. इस खुशी के माहौल में तब ही देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की खबर आयी. तब से कोरोना वायरस के मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं.
सरकार ने 31 मार्च तक लाॅकडाउन का जारी किया आदेश
सरकार ने प्रदेश में 31 मार्च तक लाॅकडाउन का आदेश जारी किया है. सरकार ने लोगों को घर में ही रहने की सलाह दी है. जब यह खबर आयी, तब दोनों ही परिवारों के सामने फिर यह सवाल खड़ा हुआ कि शादी का आयोजन अब कैसे करें. दोनों ही परिवार चिंतित हो गये.
पांच लोग साधारण ढंग से बरात लेकर दिन में ही पहुंचे और…
तब फिर शादी के कार्यक्रम को साधारण ढंग से करने का फैसला लिया गया और 23 मार्च को लड़के पक्ष की ओर से पांच लोग साधारण ढंग से बरात लेकर दिन में ही पहुंचे और शादी की रस्म पूरी करा कर लड़की की विदाई करा कर छाता गांव लाये और वलीमा की दावत को रद्द करने का फैसला लिया.