Corona Free Village In Jharkhand, हजारीबाग न्यूज (शंकर प्रसाद) : झारखंड के हजारीबाग सदर प्रखंड की भेलवारा पंचायत अंतर्गत बोचो गांव के किसी भी व्यक्ति को कोरोना की दूसरी लहर नहीं छू सकी. इस गांव का एक भी व्यक्ति कोरोना वायरस का शिकार नहीं हुआ. यहां तक कि कोई भी व्यक्ति हॉस्पिटल तक नहीं गया. हालांकि इस गांव के कई लोगो को सर्दी, जुकाम व बुखार हुआ है. सभी लोगों ने घरेलू नुस्खे व डॉक्टर के परामर्श लेकर दवा ली. दूध में हल्दी डालकर सेवन किया. देसी घी, अदरख, तुलसी पत्ते, अजवाइन का सेवन कर सभी ठीक हो गए.
बोचो के ग्रामीणों को जैसे ही समाचार पत्र, टीवी से कोरोना महामारी के दूसरे वेव आने की जानकारी हुई वैसे ही सभी लोग सतर्क हो गए. कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना शुरू कर दिया. सभी ग्रामीणों ने सामाजिक दूरी का पालन किया. फेस मास्क लगाकर रहे और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने लगे. जिसका परिणाम यह हुआ कि इस गांव के कोई ग्रामीण कोरोना महामारी के चपेट में नहीं आया.
Also Read: बोकारो के अमन गांव के लोग 25 किलोमीटर दूरी तय कर जाते हैं बाजार व पंचायत सचिवालय, जब किसी ने नहीं सुनी, तो श्रमदान कर बना रहे सड़कप्रसिद्ध बास्केट बॉल प्लेयर निधि कुमारी बोचो गांव की रहनेवाली है. उसने बताया कि मेरे गांव के सभी लोग जागरूक हैं. जिसके कारण कोई कोरोना महामारी की चपेट में नहीं आया. कोरोना महामारी आने की जानकारी मिलते ही इस गांव के बुजुर्ग, नवयुवक, नवयुवती व महिला पुरुषों ने आपस में बातचीत कर कोविड-19 की गाइडलाइन के पालन करने का निर्णय लिया. साथ ही साथ पारंपरिक व पौष्टिक भोजन लेने लगे. जिसके कारण सभी लोग कोविड-19 से बच गए. निधि कुमारी ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय से बास्केट बॉल का प्रतिनिधत्व कई अंतर विश्वविद्यालय मैच में किया है. उसने झारखंड से नेशनल बास्केट बॉल टूर्नामेंट में प्रतिनिधित्व किया है.
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Also Read: माता-पिता की मौत के बाद तीनों नाबालिग बच्चे हुए अनाथ, कोरोना ने छीना आश्रह गृह, मदद नहीं मिली तो गुमला के ये बच्चे हो सकते हैं मानव तस्करी के शिकारशहर से यह गांव महज छह किमी की दूरी पर स्थित है. बोचो गांव पहाड़ी से सटा हुआ है. राष्ट्रीय उच्च पथ 33 से डेढ़ किमी की दूरी पर 100 घर का यह गांव है. इस गांव में 550 वोटर हैं. यहां की कुल जनसंख्या लगभग 1000 है. गांव में कोई सरकारी स्कूल नहीं है. सिर्फ एक आंगनबाड़ी केंद्र चलता है. ग्रामीणों का कहना है कि आपसी सामंजस्य के कारण यहां लोग सुरक्षित हैं.
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