कोलकाता : राज्य की नगरपालिका निकाय चुनावों पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं, क्योंकि राजनीतिक दलों और राज्य निर्वाचन आयोग ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर अभी तक यह फैसला नहीं लिया है कि चुनाव निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कराये जाये या कुछ हफ्तों के लिए टाल दिये जाये. राज्य निर्वाचन आयोग (एसइसी) ने अभी तक चुनावों पर कोई आधिकारिक अधिसूचना या घोषणा नहीं की है, लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने दावा किया कि राज्य सरकार 12 और 26 अप्रैल के बीच चुनाव कराना चाहती है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए ऐहतियाती कदम के तौर पर 16 से 31 मार्च तक सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने की शनिवार को घोषणा की. हालांकि, बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होंगी. कोरोना वायरस से सावधानी बरतते हुए अन्य कई सुरक्षा उपाय अपनाये गये हैं.
इधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी कहा है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए नगरपालिका चुनाव को टाल देना चाहिए. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से नगरपालका चुनाव को स्थगित करने की सलाह दी जा सकती है. राजनीतिक दलों का मानना है कि चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवार विभिन्न इलाकों में निकलते हैं और आम लोगों के करीब पहुंचते हैं. उनसे बातचीत करने के अलावा उनसे वह हाथ भी मिलाते हैं. कोरोना के डर से प्रचार कार्य भी बाधित हो सकता है. ऐसे में चुनाव को टालना ही बेहतर होगा.
सीएम की अध्यक्षता में आज नबान्न में महत्वपूर्ण बैठक
कोलकाता. कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से तमाम ऐहतियाती कदम उठाये जा रहे हैं. इनमें शिक्षण संस्थानों को 31 मार्च तक बंद करने से लेकर लोगों को जागरूक तक शामिल है. इस संबंध में राज्य सरकार कोई भी जोखिम उठाने को तैयार नहीं है.
इस दिशा में सोमवार को दोपहर तीन बजे, राज्य सचिवालय, नबान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में जरूरी बैठक होगी. बैठक में कोरोना को खतरे को काबू में करने के विभिन्न उपायों पर चर्चा होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसमें साफ-सफाई और स्वच्छता को सख्ती से लागू करने के उपायों पर चर्चा होगी. माना जा रहा है कि नगरपालिकाओं व पार्षदों को विशेष रूप से अपने-अपने इलाके की साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए कहा जायेगा.
कहा जा रहा है कि बैठक में कोरोना के मद्देनजर मुख्यमंत्री सरकारी कर्मचारियों के कामकाज पर बड़ा फैसला ले सकती हैं. कुछ समय के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी शिफ्ट में लगायी जा सकती है. इससे एक वक्त में अधिक कर्मचारियों की मौजूदगी सचिवालय में नहीं होगी. गौरतलब है कि कोरोना से बचाव के लिए लोगों को भीड़भाड़ की जगहों से परहेज रखने के लिए कहा गया है.
निकाय चुनाव की तिथि बढ़ाने पर आयोग लेगा फैसला : पार्थ
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि कोरोना की भयावहता व केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों को देखते हुए नगर निकाय चुनाव की तारीख बढ़ायी जाय या नहीं, इस बारे में चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने पहले ही कह दिया है कि कोरोना को देखते हुए चुनाव प्रक्रिया को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर देनी चाहिए. तृणमूल कांग्रेस में भी इस बारे में मंथन चल रहा है. सोमवार को राज्य चुनाव आयोग के साथ सर्वदलीय बैठक होने जा रही है. उसमें आगे का फैसला लिया जायेगा.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देश के मुताबिक तैयारी कर ली गयी है. सैनेटाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है. श्री चटर्जी अपने विधानसभा क्षेत्र में थे. उन्होंने कहा कि दीदी के बोलो व बांग्लार गर्वो ममता कार्यक्रम की सफलता के बाद स्वीकृत सम्मेलन किया जा रहा है. इसके माध्यम से हम पार्टी में नाराज चल रहे या राजनीतिक तौर पर खुद को अलग कर लेनेवाले पुराने कार्यकर्ताओं को बुलाकर उन्हें सम्मानित कर रहे हैं. उनकी नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. इस कार्यक्रम को व्यापक सफलता मिली है.
कोरोना की वजह से संक्षिप्त हो सकता है विधानसभा का सत्र
कोलकाता. कोरोना का प्रभाव अब विधानसभा पर भी पड़नेवाला है. जानकारी के अनुसार बुधवार से सत्र स्थगित होगा. इसकी आधिकारिक घोषणा सोमवार या मंगलवार को की जा सकती है. स्थिति सोमवार को होनेवाली सर्वदलीय सभा में स्पष्ट हो जायेगी. बैठक में विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी भी रहेंगे. उल्लेखनीय है कि अगर विधानसभा का सत्र स्थगित रखना होता है, तो कम से कम एक दिन का वक्त लिया जाता है.
सोमवार को कई महत्वपूर्ण बिल पास कराने के बाद बुधवार से विधानसभा का सत्र स्थगित किया जा सकता है. सत्र की शुरुआत 13 मार्च से हुई और यह 26 मार्च तक चलनेवाला था. लेकिन केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार लोगों का जमावड़ा जहां होने की संभावना है, उन कार्यक्रमों को स्थगित करने की सलाह दी गयी है. राज्य सरकार पहले ही शिक्षण संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी है. अब बारी विधानसभा की है.