Corona in Jharkhand : रांची में 328 बेड और संक्रमित हो गये 344, कहां होगा इलाज
झारखंड में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार अब और डराने लगी है. राज्य में 4.74 की दर से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. इसे लेकर राजधानी में तैयारी का अभाव अब साफ दिखने लगा है.
रांची : झारखंड में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार अब और डराने लगी है. राज्य में 4.74 की दर से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. इसे लेकर राजधानी में तैयारी का अभाव अब साफ दिखने लगा है. राजधानी में कोरोना संक्रमितों के लिए तय किये गये अस्पतालों में मात्र 328 बेड हैं, जबकि बुधवार को रांची में एक्टिव कोरोना संक्रमितों की संख्या 344 हो गयी.
बुधवार को ही 71 नये कोरोना मरीज मिले. इस तरह इस समय 16 मरीज उपलब्ध बेड से ज्यादा हैं. यह संख्या अब लगातार बढ़ेगी. ऐसे में यह सवाल उठता है कि इनका इलाज कहां होगा? कई मरीजों का अपना मकान नहीं है. वे रेंट में रहते हैं. कई लोग अपार्टमेंट में रहते हैं. एेसे लोगों के लिए होम कोरेंटिन में इलाज कराना भी मुश्किल बात है.
इनका विरोध हो सकता है. ऐसे संक्रमित सड़क पर आ जायेंगे. इसके बाद क्या हालात होंगे, इसका सहज अंदाज लगाया जा सकता है. राजधानी में कोरोना से लड़ने की तैयारी कितनी कमजोर है, इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के ही छोटे शहरों में रांची से ज्यादा बेड के इंतेजाम हैं. गुमला में जहां 662 बेड है वहीं देवघर में 402 बेड.
सबसे अच्छी स्थिति पूर्वी सिंहभूम की है. यहां 1199 बेड हैं और पश्चिमी सिंहभूम में 712 बेड. इसके उलट लगभग 14 लाख की आबादी वाले जिले रांची, जो कि राज्य की राजधानी भी है, वहां मात्र 328 बेड हैं. स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वे अपने यहां मौजूद एक्टिव केस के मुकाबले तीन गुना बेड का इंतजाम करें, लेकिन रांची जिले में इस निर्देश का भी पालन नहीं किया गया. कोरोना संक्रमितों के इलाज के मामले में राजधानी रांची के हालात अब खराब होने लगे हैं.
कई मरीजों को होम अाइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया गया है. हरमू और कांके में एक-एक परिवार होम आइसोलेशन में है. वहीं, जो एसिम्पटोमैटिक मरीज हैं, उन्हें भी अब होम आइसोलेशन में रहने का प्रावधान किया जा रहा है. रांची के सर्ड कैंपस को 200 बेड के लिए अधिसूचित किया गया था, लेकिन सर्ड में बेड की व्यवस्था नहीं की गयी है और न ही मरीज को रखने की. इधर, स्वास्थ्य विभाग यह आश्वासन दे रहा है कि वह संक्रमितों को भर्ती कर इलजा करने के नये विकल्पों पर विचार कर रहा है.
जिलों में बेड व मरीज की स्थिति (15 जुलाई सुबह नौ बजे तक)
जिला एक्टिव बेड वेंटिलेटर आइसीयू
बोकारो 46 140 25 20
चतरा 79 110 01 00
देवघर 41 402 09 20
धनबाद 135 436 18 160
दुमका 16 310 04 15
पू सिंहभूम 392 1199 81 103
गढ़वा 85 407 05 14
गिरिडीह 72 362 07 08
गोड्डा 22 250 04 13
गुमला 33 662 01 05
हजारीबाग 161 268 02 29
जामताड़ा 08 55 03 00
जिला एक्टिव बेड वेंटिलेटर आइसीयू
खूंटी 05 282 09 09
कोडरमा 108 250 04 10
लातेहार 86 248 02 00
लोहरदगा 66 134 02 05
पाकुड़ 73 200 05 04
पलामू 15 123 09 14
रामगढ़ 98 72 04 04
रांची 344 328 37 43
साहिबगंज 39 320 05 11
सरायकेला 53 250 02 00
सिमडेगा 12 90 08 06
पसिंहभूम 50 712 04 06
राज्य स्तर पर ज्यादा दिख रहे हैं बेड : स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के मुताबिक राज्य स्तर पर कोविड मरीजों के लिहए बेड की कमी नहीं दिखती. राज्य में इस समय कोरोना के कुल 2039 एक्टिव केस हो गये हैं. इनके मुकाबले कुल 7610 सामान्य बेड का इंतजाम किया गया है. वहीं 499 अाइसीयू और 251 वेंटिलेटर के भी इंतजाम हैं.
कोरोना के एक्टिव केस के मुकाबले पर्याप्त बेड का इंतजाम है. निर्देश के मुताबिक कई जिलों में एक्टिव केस के तीन गुना बेड उपलब्ध हैं. एक वक्त था, जब सिमडेगा में बड़ी संख्या में संक्रमित मिले थे, लेकिन वहां बेड की कमी नहीं हुई. हालांकि, रांची में तीन गुना बेड के नियम का पालन नहीं हुआ है, लेकिन यहां भी व्यवस्था की जा रही है. डॉ नितिन कुलकर्णी, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग
Post by : Pritish Sahay