कोरोना संदिग्ध की करायी झाड़-फूंक, मौत
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ लोग झाड़-फूंक का भी सहारा ले रहे हैं. इसी चक्कर में शनिवार को एक 55 वर्षीय व्यक्ति की जान चली गयी. घटना मरकच्चो प्रखंड के चोपनाडीह पंचायत के नगरीतो गांव की है. मामले का दुखद पहलू यह भी रहा कि संदिग्ध की मौत के बाद उसका शव घंटों पड़ा रहा. देर शाम प्रखंड प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराये गये दो पीपीई किट को पहनकर रिश्तेदारों ने किसी तरह मृतक का अंतिम संस्कार किया.
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कोलकाता से लौटा था सर्दी-बुखार से पीड़ित 55 वर्षीय व्यक्ति(फ्लैग)
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कोरोना के भय से नगरीतो गांव में सुबह से पड़ा रहा शव
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घंटों बाद प्रशासन ने उपलब्ध कराया दो पीपीइ किट
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देर शाम किसी तरह परिजनों ने किया अंतिम संस्कार
मरकच्चो : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ लोग झाड़-फूंक का भी सहारा ले रहे हैं. इसी चक्कर में शनिवार को एक 55 वर्षीय व्यक्ति की जान चली गयी. घटना मरकच्चो प्रखंड के चोपनाडीह पंचायत के नगरीतो गांव की है. मामले का दुखद पहलू यह भी रहा कि संदिग्ध की मौत के बाद उसका शव घंटों पड़ा रहा. देर शाम प्रखंड प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराये गये दो पीपीई किट को पहनकर रिश्तेदारों ने किसी तरह मृतक का अंतिम संस्कार किया.
अब एहतियात के तौर पर प्रशासन हाइ रिस्क कांटेक्ट के सभी लोगों को कोरेंटिन कर स्वाब सैंपल लेने की तैयारी में है. जानकारी के अनुसार गुरुवार की सुबह करीब चार बजे कोलकाता में रहने वाला नगरीतो निवासी व्यक्ति किराये पर टैक्सी लेकर पत्नी के साथ गांव पहुंचा. पिछले कई दिनों से कोलकाता में उसकी तबीयत खराब चल रही थी. सर्दी-बुखार से पीड़ित उक्त व्यक्ति को गांव लाने के बाद भी स्थिति ठीक नहीं हो रही थी तो परिजन शनिवार सुबह उसे अंधविश्वास में झाड़ फूंक कराने डुमरडीहा लेकर चले गये.
झाड़ फूंक के दौरान उक्त व्यक्ति की मौत हो गयी. यहां से परिजन वापस गांव पहुंचे व शव को घर से दूर एक पेड़ के पास रख दिया. कोरोना संदिग्ध मृतक की पत्नी भी फिलहाल सर्दी, खांसी व बुखार से पीड़ित है. ऐसे में कोराना संक्रमण के भय से शव के आसपास गांव के लोग भी नहीं फटके. इस परिस्थिति में शव का अंतिम संस्कार की आस में सुबह से पड़ा रहा. इस बीच लोगों ने प्रखंड व अंचल प्रशासन के साथ ही इसकी सूचना पुलिस को भी दी. सूचना मिलने के करीब सात घंटे बाद प्रशासन की नींद खुली और सीओ रामसुमन प्रसाद, थाना प्रभारी उत्तम वैद्द नगरीतो पहुंचे. प्रशासन के इस रवैये से स्थानीय ग्रामीणों में रोष है.
मृतक के पुत्र रामचंद्र दास ने बताया कि प्रशासन ने दो पीपीइ किट शव के अंतिम संस्कार करने के लिए उपलब्ध कराया, जबकि शव को कंधा देने के लिए चार लोगों की जरूरत पड़ती है. मेरे पिता के शव को लोग कोराना संदिग्ध के रूप में देख रहे हैं, इसलिए गांव व गोतिया का सहयोग भी नहीं मिल पा रहा है. हम दो भाई व तीन बहनोई मिल कर किसी तरह अंतिम संस्कार करने ले जा रहे हैं. इधर, सीओ रामसुमन प्रसाद ने बताया कि मृतक को कोरोना था या नहीं यह तो जांच के बाद पता चलेगा, पर इसे कोरोना संदिग्ध का मामला मानते हुए हाइ रिस्क कांटेक्ट के लोगों को कोरेंटिन सेंटर में रखा जायेगा.