बिहार में जेल जाने से बचाने को आरोपित की कोरोना जांच रिपोर्ट बनायी पॉजिटिव, ऐसे हुआ खुलासा…
आरोपित को जेल जाने के से बचाने के लिए कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव बना दी गयी, जबकि वह निगेटिव था. इसका खुलासा तब हुआ जब आरोपित को आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कराने गये पुलिसकर्मी पहुंचे. सीएचसी के आइसोलेशन सेंटर में तैनात राजकुमार ने जांच रिपोर्ट देखी, तो उसे फर्जी पाया. उनका कहना था कि हमने ऐसी किसी रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं किया है. इसके बाद पुलिसकर्मी उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, जहां उसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी. इसके बाद सारा मामला खुल गया.
चेरियाबरियारपुर (बेगूसराय). आरोपित को जेल जाने के से बचाने के लिए कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव बना दी गयी, जबकि वह निगेटिव था. इसका खुलासा तब हुआ जब आरोपित को आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कराने गये पुलिसकर्मी पहुंचे. सीएचसी के आइसोलेशन सेंटर में तैनात राजकुमार ने जांच रिपोर्ट देखी, तो उसे फर्जी पाया. उनका कहना था कि हमने ऐसी किसी रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं किया है. इसके बाद पुलिसकर्मी उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, जहां उसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी. इसके बाद सारा मामला खुल गया.
यह मामला मंझौल कोर्ट पहुंचा. इसकी सुनवाई करते हुए जज ने सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पृथ्वीराज पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. जानकारी के अनुसार पिछले 19 मई को चेरियाबरियारपुर पुलिस ने बालेश्वर सिंह को गिरफ्तार किया था. उसे जेल जाने से बचाने के लिए यह खेल खेला गया. कोर्ट के आदेश के बाद चेरियाबरियारपुर थाने में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पृथ्वीराज एवं अन्य कर्मी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
इधर, शुक्रवार को मंझौल के एसडीपीओ सत्येंद्र कुमार सिंह ने मामले की जांच की. डीएसपी ने डॉ रामकुमार, लेखापाल लालमोहन कुमार, डाटा इंट्री ऑपरेटर कुमारी शिवानी, एलटी राजकुमार सहित अन्य से पूछताछ की है. इसके बाद पुलिस ने लेखापाल लालमोहन कुमार एवं डाटा इंट्री ऑपरेटर कुमारी शिवानी को हिरासत में ले लिया. एसडीपीओ ने बताया कि पूछताछ के लिए दोनों कर्मियों को हिरासत में लिया गया है. आरोपित बचाने के लिए कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव बनाया तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें।
POSTED BY: Thakur Shaktilochan