पीएम मोदी ने Corona Vaccine की कालाबाजारी का रास्ता खोला, भगवानगोला से प्रधानमंत्री पर ममता बनर्जी का हमला
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कोरोना संक्रमण के बाद अब कोरोना वैक्सीन को लेकर ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर हमला बोला है. भगवानगोला में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि जब देश में कोरोना वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है तब पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन की खुली छूट की इजाजत दी है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कोरोना संक्रमण के बाद अब कोरोना वैक्सीन को लेकर ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर हमला बोला है. भगवानगोला में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि जब देश में कोरोना वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है तब पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन की खुली छूट की इजाजत दी है.
ममता बनर्जी ने बंगाल में कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर भी चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में कहा गया है कि 19 अप्रैल को सरकार ने वैक्सीन पॉलिसी की घोषणा की है, पर इसमें सोच का आभाव है. साथ ही केंद्र सरकार की जिम्मेदारी का भी जिक्र नहीं है. आगे लिखा गया है कि बंगाल सरकार ने 24 फरवरी को भी केंद्र को एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार राज्यों को वैक्सीन खरीदने की इजाजत दें. ताकि राज्य सरकार जनता को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन दे सकें.
केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए चिट्ठी में लिखा गया है कि अब जब कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले बढ़ें हैं, देश को वैक्सीन की जरूरत है, केंद्र सरकार ने बड़े ही चतुराई से इस जिम्मेदारी से अपना पल्ला झाड़ लिया है. पत्र में लिखा गया है कि केंद्र की नयी वैक्सीन पॉलिसी में कई सारी खामिया हैं. इसमें वैक्सीन निर्माताओं द्वारा वैक्सीन की सप्लाई सुनिश्चित तरीके से कैसे हो इसके बारे में क्लियर नहीं किया गया है. इसके अलावा वैक्सीन के दाम भी तय नहीं किया गया है.
Also Read: बाहरी भीतरी वाले बयान पर बैकफुट पर आयी CM ममता, कहा- PM मोदी-अमित शाह नहीं, इन्हें बताया था बाहरीवैक्सीन पॉलिसी से बाजार में वैक्सीन की कालाबाजारी को अनुमति मिलेगी. वैक्सीन की कीमतों पर नियंत्रण नहीं रहेगा जिससे आम आदमी को परेशानी होगी. इसके अलावा वैक्सीन की निर्बाध आपूर्ति करने में भी दवा कंपनियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. क्योंकि दवा की मांग देश भर से आयेगी. इसके साथ ही पीएम मोदी को भेजे गये पत्र में लिखा हुआ है कि बाजार में दवाओं की उपलब्धता बेहद ही कम है. इसलिए केंद्र सरकार इस ओर जरूरी कदम उठाएं.
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