Coronavirus के कारण खिलाड़ियों की बदल जायेंगी ये आदतें…

Coronavirus change the players habits क्रिकेट में तेज गेंदबाजों का गेंद को चमकाने के लिए उस पर लार लगाना, टेनिस में खिलाड़ियों का अपना तौलिया ‘बॉल ब्वायज' को देना और फुटबालरों का मैच से पहले हाथ मिलाना जैसी खिलाड़ियों की कुछ ऐसी आदतें हैं जो हो सकती हैं कि कोरोना वायरस संकट से उबरने के बाद खेलों में न दिखायी दें.

By Rajneesh Anand | April 6, 2020 12:57 PM
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पेरिस : क्रिकेट में तेज गेंदबाजों का गेंद को चमकाने के लिए उस पर लार लगाना, टेनिस में खिलाड़ियों का अपना तौलिया ‘बॉल ब्वायज’ को देना और फुटबालरों का मैच से पहले हाथ मिलाना जैसी खिलाड़ियों की कुछ ऐसी आदतें हैं जो हो सकती हैं कि कोरोना वायरस संकट से उबरने के बाद खेलों में न दिखायी दें.

क्रिकेट इतिहास में शुरू से ही तेज गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिए उस पर लार लगाते रहे हैं. इससे गेंदबाजों को स्विंग हासिल करने में मदद मिलती रही है लेकिन कोविड-19 के बाद क्रिकेट का जो नया संसार होगा उसमें हो सकता है कि गेंदबाज ऐसा नहीं करें. आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिन्स ने कहा, ‘‘एक गेंदबाज होने के नाते मुझे लगता है कि टेस्ट मैचों में अगर हम गेंद को नहीं चमका पाएंगे तो इससे काफी मुश्किल होगी. ”

टेनिस में अक्सर देखने को मिलता है कि खिलाड़ी अपना पसीना और यहां तक कि खून और आंसू पोंछकर तौलिया गेंद पकड़ने वाले लड़कों या लड़कियों (बॉल ब्वायज और बॉल गर्ल्स) के पास फेंक देते हैं. ऐसे में सभी के मन में इन युवाओं के प्रति सहानुभूति जाग उठती है. मार्च में कोरोना वायरस के वैश्विक स्तर पर फैलने के बाद अधिकारियों ने इस समस्या को लेकर कदम उठाये. मिकी में जापान और इक्वेडर के बीच खेले गये डेविस कप मैच के दौरान ‘बॉल ब्वायज’ और ‘बॉल गर्ल्स’ ने दस्ताने पहन रखे थे. यही नहीं टोकरियों की भी व्यवस्था की गयी थी जिसमें खिलाड़ी अपने तौलिया रख सकें.

इससे पहले 2018 में एटीपी ने कुछ प्रतियोगिताओं में तौलिया रखने के लिये विशेष प्रबंध किये थे लेकिन इससे खिलाड़ी खुश नहीं थे. यूनान के स्टिफेनोस सिटिसिपास ने मिलान में नेक्स्टजेन फाइनल्स के दौरान कहा था, ‘‘आपको खेलते हुए जब भी तौलिया की जरूरत पड़ती है तब आपको वह मिल जाए तो इससे काफी मदद मिलती है. मेरा मानना है कि खिलाड़ियों को गेंद और तौलिया उपलब्ध कराना कोर्ट पर मौजूद लड़कों और लड़कियों का काम है. ”

दुनिया भर में खेल गतिविधियां ठप्प पड़ने से पहले शीर्ष फुटबाल लीग में मैच से पहले हाथ मिलाने का चलन बंद कर दिया गया था. प्रीमियर लीग की टीम लिवरपूल ने मैच से पहले खिलाड़ियों के साथ बच्चों के मैदान पर जाने पर भी रोक लगा दी थी जबकि साउथम्पटन ने खिलाड़ियों को आटोग्राफ देने या सेल्फी लेने से बचने के लिये कहा था. फुटबालर से इतर एनबीए ने खिलाड़ियों से एक दूसरे के हाथों से ताली बजाने के बजाय हवा में मुक्का लहराने का आग्रह किया.

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