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पश्चिम बंगाल में दो प्रधानाचार्यों के ट्रांसफर का कोरोना कनेक्शन

coronavirus connection of transfer of two headmasters in west bengal. कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के दो राजकीय स्कूलों के प्रधानाचार्यों को मध्याह्न भोजन योजना के तहत चावल और आलू के वितरण के दौरान कोरोना वायरस रोकथाम के दिशा-निर्देशों का कथित तौर पर उल्लंघन करने की वजह से ट्रांसफर कर दिया गया है.

By Mithilesh Jha | March 25, 2020 3:20 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के दो राजकीय स्कूलों के प्रधानाचार्यों को मध्याह्न भोजन योजना के तहत चावल और आलू के वितरण के दौरान कोरोना वायरस रोकथाम के दिशा-निर्देशों का कथित तौर पर उल्लंघन करने की वजह से ट्रांसफर कर दिया गया है.

वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने सोमवार शाम को यादवपुर विद्यापीठ के प्रधानाचार्य परिमल भट्टाचार्य और स्वर्णमयी विद्यापीठ, गरिया के प्रधानाचार्य काजी मौसम अख्तर का कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर स्कूल शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने की वजह से तबादला कर दिया.

डब्ल्यूबीबीएसई ने दोनों शिक्षकों को जारी अलग-अलग पत्रों में कहा, ‘हेडमास्टरों ने उन सरकारी दिशा-निर्देशों का ‘स्पष्ट उल्लंघन’ किया, जिसमें कहा गया था कि वर्तमान स्थिति के मद्देनजर केवल अभिभावकों को ही चावल और आलू लेने की अनुमति दी जायेगी, छात्रों को नहीं.’

पत्र में कहा गया है कि सोमवार को दो प्रधानाध्यापकों ने अपने-अपने स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत चावल वितरण कार्यक्रम के दौरान कुछ छात्रों को ये लेने से नहीं रोका. डब्ल्यूबीबीएसई के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र में कहा गया है कि ‘यह सरकार के निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही का एक गंभीर मामला’ है.

पत्र में कहा गया है कि अख्तर को बागबाजार के हरनाथ हाई स्कूल बॉयज में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि भट्टाचार्य को रानी भवानी हाई स्कूल, बीडन स्ट्रीट में स्थानांतरित कर दिया गया है, ताकि दोनों के खिलाफ स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो.

बागबाजार और बीडन स्ट्रीट दोनों उत्तरी कोलकाता में हैं. यह कदम राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि अगर कोई स्कूल मध्याह्न भोजन योजना के तहत अभिभावकों के बीच चावल और आलू के वितरण के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित किसी भी दिशा-निर्देश का उल्लंघन करते पाया गया, तो सख्त कार्रवाई की जायेगी.

हालांकि, स्कूल प्राधिकारियों ने कुछ अभिभावकों द्वारा मास्क नहीं पहनने के आरोप का खंडन किया, लेकिन उन्होंने कुछ छात्रों को उनके अभिभावकों के साथ जाने से रोकने में मीडिया के समक्ष असहायता जतायी. इस बीच, सोमवार को दोपहर तीन बजे तक राज्य भर के हजारों स्कूलों में चावल और आलू का वितरण किया गया.

पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को सभी राजकीय विद्यालयों से कहा था कि कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर बच्चों को मध्याह्न भोजन के त्वरित वितरण के लिए वे संस्थान सोमवार तक खोलें. स्कूल 15 अप्रैल तक बंद हैं.

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