Lockdown Second Day in Jharkhand: गांव में बाहरी की एंट्री पर रोक, ट्रक में भरकर पहुंच रहे हैं लोग

Lockdown Second Day in Jharkhand: झारखंड में लॉकडाउन का असर आज कई जिलों में नजर आ रहा है. कोरोना वायरस के प्रसार को लोग गंभीरता से ले रहे हैं.

By Amitabh Kumar | March 24, 2020 10:38 AM

रांची : झारखंड सरकार महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने की तैयारी में जुट गयी है. कई लोग तो प्रशासन के आदेश को मान रहे हैं तो कई इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. लॉकडाउन के दूसरे दिन भी झारखंड में ऐसा नजारा दिख रहा है जो चिंता बढाने का काम कर रहा है. झारखंड के इटखोरी से आज सुबह खबर आयी कि लोग यहां दूसरे राज्यों से ट्रकों में भरकर पहुंच रहे हैं.

ट्रेन रद्द होने के बाद भी एक राज्य से दूसरे राज्य में लोगों के आने का सिलसिला जारी है. महाराष्ट्र से ट्रकों में बैठकर लोग अपने घर आ रहे हैं. मंगलवार को महाराष्ट्र से चार ट्रकों में भरकर लोग इटखोरी पहुंचे. सभी मुंबई में काम करते हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण फैक्ट्रियों व कंपनियों में काम बंद हो गया है जिसके कारण वे अपने घर पहुंचे हैं. ट्रक में बैठे लोगों में महामारी का तनिक भी भय नहीं नजर आया, वे बेपरवाह एक दूसरे से बिना दूरी बनाये बैठे थे.

यहां बाहरी के एंट्री पर रोक

झारखंड के हजारीबाग जिले के दारू प्रखण्ड के दारू खरिका गांव से एक अच्छी तसवीर आज सुबह सामने आयी. यहां कोरोना वायरस से बचने के लिए बाहरी व्यक्ति के गांव में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गयी है. आपको बता दें कोरोना वायरस बहुत ही तेजी से एक मरीज से दूसरे में फैलता है.

दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के लिए कमेटी

झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन इलाकों से श्रमिकों का ज्यादा पलायन हुआ है, वहां से लौटे हुए श्रमिकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाये. सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए अधिकारियों की कमेटी बनाने का फैसला किया है. जमाखोरी को देखते हुए भी सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया. इधर, सरकार के निर्देशानुसार दूसरे राज्यों से रांची पहुंचे करीब 2000 प्रवासी मजदूरों को खादगढ़ा बस स्टैंड से बसों द्वारा गंतव्य तक भेजा गया.

दाल-भात केंद्रों पर मिलेगा भोजन, वहां खा नहीं सकते

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के सभी 377 दाल-भात केंद्रों को तीन दिनों के अंदर क्रियाशील बनाने का निर्देश दिया है. इन केंद्रों में सिर्फ भोजन मिलेगा. लेकिन यहां बैठकर खाना नहीं है, लोग भोजन घरों में खा सकेंगे. इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चों के घर पर भोजन की होम डिलीवरी कराने का निर्देश दिया गया है.

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