Coronavirus In Jharkhand, खूंटी न्यूज (सतीश शर्मा) : झारखंड के खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड की तपकारा पंचायत में पिछले 30 दिनों में 23 लोगों की मौत हुई है. इसमें कोरोना से हुई मौत भी शामिल है. कोरोना से इस पंचायत में मरने वालों की संख्या आठ है. इस दौरान तपकारा खास में 16 लोगों की मौत हुई है. इस पंचायत के कई गांवों में अभी भी लोग सर्दी खांसी सहित कई बीमारियों से ग्रसित हैं, जबकि स्वास्थ्य उपकेन्द्र बदहाल है.
खूंटी जिले की तपकारा पंचायत की छह हजार की आबादी के इलाज के लिए तपकारा में स्वास्थ्य उपकेन्द्र स्थापित किया गया था. यहां पर दो एएनएम की प्रतिनियुक्ति की गयी थी. कोरोना काल में इनकी ड्यूटी कोरोना कार्य में लगी हुई है. पंचायत के लोग बीमार पड़ने पर स्थानीय झोलाछाप चिकित्सकों के पास इलाज के लिए जाते हैं. इमरजेंसी की स्थिति में यहां से आठ किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय स्थित रेफरल अस्पताल तोरपा इलाज के लिए जाते हैं. स्वास्थ्य उपकेंद्र का भवन जर्जर हो चुका है. स्वास्थ्य उपकेंद्र के नए भवन का निर्माण शुरू किया गया था, परंतु इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है.
Also Read: झारखंड में Mini Lockdown बढ़ेगा एक हफ्ते के लिए ! कोरोना के हालात पर मंथन के दौरान मंत्रियों ने CM हेमंत सोरेन को और क्या दिए सुझावतपकारा पंचायत के मुखिया सुदीप गुड़िया कहते हैं कि पहली बार पंचायत में इतनी ज्यादा संख्या में लोग कोरोना सहित विभिन्न बीमारियों से मरे हैं. कोरोना से बचाव के लिए लोगों के बीच जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. टोलों में बैठक कर उन्हें कोरोना का टीका लेने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि तपकारा स्वास्थ्य उपकेंद्र के निर्माण के लिए पंचायत की ओर से दो बार उपायुक्त को पत्र लिखकर इसके जल्द निर्माण की मांग की गई है. उन्होंने मांग की कि तपकारा स्वास्थ्य उपकेंद्र में नियमित रूप से चिकित्सक बैठें.
Also Read: झारखंड में कोरोना उन्मूलन के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने ग्राम स्तर पर सर्वे एवं रैपिड एंटीजन टेस्ट कार्यक्रम का किया शुभारंभ, पढ़िए क्या है प्लानतपकारा निवासी एवं सांसद अर्जुन मुंडा के प्रतिनिधि नीरज पाढ़ी ने बताया कि तपकारा पंचायत की छह हजार की आबादी बीमार पड़ने पर झोलाछाप चिकित्सक पर निर्भर है. स्वास्थ्य उपकेंद्र में चिकित्सक के नहीं आने से लोगों का समुचित इलाज नहीं हो पाता है. उन्होंने मांग की कि तपकारा स्वास्थ्य उपकेंद्र में नियमित रूप से एक चिकित्सक रहें ताकि लोगों का समुचित इलाज किया जा सके.
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