Coronavirus In Jharkhand : धनबाद (संजीव झा) : धनबाद जिले में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी अब धीरे-धीरे काबू में आ रही है. लगातार जांच अभियान व सीमा पर कड़ाई के कारण यहां पर एक माह में संक्रमण दर चार फीसदी से घट कर 0.7 फीसदी रह गयी है, लेकिन, त्योहार व ठंड को देखते हुए अगले तीन माह तक यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. यहां का रिकवरी रेट भी बढ़ कर 92.2 प्रतिशत पहुंच गया है.
धनबाद जिले में कोरोना से ग्रसित पहला मरीज 16 अप्रैल को मिला था. आसनसोल की स्टील फैक्ट्री में काम करनेवाले युवक की तबीयत बिगड़ने के बाद कुमारधुबी के बाघाकुड़ी अपने घर भाई के साथ आया था. जांच में संक्रमित मिला था. दूसरा मामला 18 अप्रैल को सामने आया. बोकारो से लौटे डीएस कॉलोनी का रेल कर्मी संक्रमित मिला था. वह अपनी ससुराल बोकारो गया था. तबीयत खराब होने के बाद कोरोना जांच में संक्रमित पाया गया था. 21 दिनों के बाद नौ मई को मुंबई से एंबुलेंस से लौटे जामाडोबा के मां और बेटे संक्रमित मिले थे.
महिला मुंबई से कैंसर का इलाज करा कर लौटी थी. कुमारधुबी के बाघाकुड़ी के पंजाबी मुहल्ले स्थित बेटी व दामाद के घर जा रही थी. 31 मई तक यहां कुल संक्रमितों की संख्या 50 थी. जून माह में 127 लोग संक्रमित मिले थे. जुलाई व अगस्त में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ गयी. सितंबर मध्य तक यहां कोरोना संक्रमण की दर चार फीसदी थी. छह अक्तूबर तक धनबाद जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5349 थी. यहां पर संक्रमण की दर अभी एक फीसदी से भी कम यानी 0.7 फीसदी ही रह गयी है.
Also Read: MS Dhoni की बेटी जीवा को मिली धमकी तो रांची पुलिस ने बढ़ा दी सुरक्षा, फैन्स में जबरदस्त गुस्साधनबाद जिले में कोरोना के बढ़ते चेन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से सघन जांच अभियान शुरू किया गया. आरटीपीसीआर के साथ-साथ ट्रू नेट व रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) शुरू कराया गया. उपायुक्त उमा शंकर सिंह के निर्देश पर मैथन चेक पोस्ट व एनएच टू में निरसा के पास स्थायी जांच कैंप लगाया गया. इसके चलते बंगाल की तरफ से सड़क मार्ग से आने वालों की जांच अनिवार्य हो गयी. संक्रमित लोगों को तत्काल कोविड केयर सेंटर या अस्पताल में भर्ती कराया गया.
Also Read: सर दोराबजी पार्क : टाटा की जमशेदपुरवासियों को सौगातधनबाद रेलवे स्टेशन पर भी लगभग एक माह से बाहर से आनेवाले यात्रियों की जांच हो रही है. पहले थर्मल स्कैनिंग होती है. जिस यात्री में थोड़ा भी लक्षण दिखता है. उनलोगों की कोरोना जांच करायी जाती है. स्टेशन पर भी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मिले, जिन्हें सीधे कोविड केयर सेंटर भेजा गया. इसके अलावा जिले के विभिन्न संवेदनशील इलाके, जहां कोरोना संक्रमित वाले मरीज मिले थे, वहां कैंप लगा कर जांच की जा रही है.
Also Read: Weather Forecast Jharkhand : झारखंड में आज किन जिलों में होगी बारिश ? मौसम विभाग ने जारी किया वज्रपात का अलर्टधनबाद में अगस्त तक कोरोना संक्रमितों के ठीक होने की दर लगभग 75 प्रतिशत थी. अभी रिकवरी रेट बढ़ कर 92.2 फीसदी हो गया है. यहां पर छह अक्तूबर तक 5349 कोरोना संक्रमित मिले थे. इसमें से 4932 स्वस्थ हो कर घर लौट चुके हैं, जबकि विभिन्न अस्पतालों या होम आइसोलेशन में 366 मरीज थे. यहां पर कोरोना से मरने वाले मरीजों की संख्या अब तक 52 है यानी लगभग एक फीसदी. धनबाद जिले में अब तक 57 मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति दी गयी है. इसमें से 32 केस अब भी सक्रिय हैं.
Also Read: भीमा कोरेगांव केस : फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी पर क्या बोले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ?धनबाद जिले में अब तक लगभग दो लाख लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है. छह अक्तूबर तक यहां 33,888 लोगों की आरटीपीसीआर, 11,862 का ट्रू नेट तथा 1,50,787 लोगों की आरएटी जांच हुई है. प्रति दिन ढाई हजार से अधिक लोगों की कोरोना जांच विभिन्न माध्यमों से की जा रही है. धनबाद जिले में बहुत लोग कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ने के बाद लापरवाह होते जा रहे हैं. बाजारों में भारी भीड़ देखी जा रही है. अधिकतर लोग बिना मास्क लगाये घूम रहे हैं. दुकानदार भी बगैर मास्क के ही बैठ रहे हैं. डॉक्टरों के अनुसार यह लापरवाही भारी पड़ सकती है.
उपायुक्त उमा शंकर सिंह के अनुसार धनबाद में फिलहाल कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है. एनएच तथा रेलवे स्टेशन पर लगातार जांच अभियान चलाने से कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने में सफलता मिली है. आगे भी यह अभियान जारी रहेगा. विशेषज्ञों की सलाह को देखते हुए अगले तीन माह को ध्यान में रख कर तैयारी की जा रही है. अभी एक-डेढ़ माह तक दशहरा, दीवाली, छठ जैसे कई त्योहार हैं. ठंड भी आने वाली है. इस दौरान एक बार फिर कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है. इसलिए कोरोना मरीजों के उपचार के लिए यहां 1005 बेड की व्यवस्था है. कोविड (सेंट्रल) अस्पताल में भी 30 बेड का आइसीयू चालू हो जाने के बाद गंभीर मरीजों के उपचार में भी सहूलियत होगी. इससे एसएनएमएमसीएच कैथ लैब के आइसीयू पर लोड घटेगा.
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