Coronavirus in West Bengal: पश्चिम बंगाल में कोरोना के असर पर स्वास्थ्य विभाग ने कराया सर्वे, सामने आये ये तथ्य
पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने वैश्विक महामारी कोरोना के असर पर एक सर्वेक्षण कराया है. इस सर्वेक्षण में जो तथ्य सामने आये हैं, उसमें कहा गया है कि उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर), मधुमेह (डायबिटीज), हृदय रोग (हार्ट डिजीज), गुर्दे की समस्या (किडनी) , सीओपीडी जैसे गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों के लिए कोरोना वायरस का संक्रमण ज्यादा जानलेवा साबित हुआ.
कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने वैश्विक महामारी कोरोना के असर पर एक सर्वेक्षण कराया है. इस सर्वेक्षण में जो तथ्य सामने आये हैं, उसमें कहा गया है कि उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर), मधुमेह (डायबिटीज), हृदय रोग (हार्ट डिजीज), गुर्दे की समस्या (किडनी) , सीओपीडी जैसे गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों के लिए कोरोना वायरस का संक्रमण ज्यादा जानलेवा साबित हुआ.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि अध्ययन का निष्कर्ष यह बताता है कि नवंबर, 2020 के अंतिम सप्ताह तक कोरोना वायरस से संक्रमण से मृत 30 प्रतिशत महिलाएं उच्च रक्तचाप से जूझ रहीं थीं, जबकि दम तोड़ने वाले 28 प्रतिशत पुरुष भी इसका सामना कर रहे थे. कोरोना की चपेट में आयी कम से कम 24.5 प्रतिशत महिलाएं मधुमेह से पीड़ित थीं, जबकि 24.2 प्रतिशत पुरुष भी इसका सामना कर रहे थे.
कोरोना से मरने वाले 10.6 प्रतिशत लोग हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे थे. संक्रमण के कारण दम तोड़ने वाले 10.2 प्रतिशत लोग गुर्दे की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. पश्चिम बंगाल के सभी जिलों में किये गये रिसर्च में कहा गया कि क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से 5.5 प्रतिशत पुरुष और 3.9 प्रतिशत महिलाएं जूझ रहीं थीं.
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अध्ययन के मुताबिक, कैंसर और डायलिसिस की स्थिति में कोविड-19 महिलाओं के लिए ज्यादा घातक रहा. पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से पहली मौत मार्च में हुई थी. पुरुषों के मामलों में मृत्यु दर 2 प्रतिशत से नीचे और महिलाओं के मामले में 1.5 प्रतिशत से नीचे हैं. राज्य में संक्रमण से मृत्यु दर 1.7 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 1.4 प्रतिशत है.
Posted By : Mithilesh Jha