Bihar News : ‘लॉकडाउन’ में वृद्ध मां को साइकिल पर बैठाकर युवती ने तय किया 20 किमी का सफर, जानें वजह
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार में बालिकाओं के लिये चलाये गये साइकिल योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है. साइकिल चलाकर बालिकाएं ग्रामीण क्षेत्रों से दूरी तक जाकर शिक्षा ग्रहण कर रही हैं तो वहीं, लॉकडाउन के दौरान रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने सामानों की खरीदारी करने तक बाजार तक पहुंच रही हैं.
औरंगाबाद : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार में बालिकाओं के लिये चलाये गये साइकिल योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है. साइकिल चलाकर बालिकाएं ग्रामीण क्षेत्रों से दूरी तक जाकर शिक्षा ग्रहण कर रही हैं तो वहीं, लॉकडाउन के दौरान रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने सामानों की खरीदारी करने तक बाजार तक पहुंच रही हैं.
औरंगाबाद के दाउदनगर प्रखंड सुदूरवर्ती गांव चौरी से करीब 20 किलोमीटर दूरी तक अपनी वृद्ध मां को साइकिल पर बैठाकर दाउदनगर पहुंची. युवती परमजीत कौर अपनी वृद्ध मां भूचन कुंअर को साइकिल पर बैठाकर साइकिल चलाते हुए दाउदनगर पहुंची. इन दोनों को दाउदनगर मौलाबाग स्थित मुख्य डाकघर में जाना था.
जानकारी के अभाव में दोनों औरंगाबाद रोड में चले गये. फिर, रास्ता भटकने की बात पता चलने पर भखरुआं बाजार रोड होते हुए साइकिल से डाकघर पहुंची और गेट पर डाकघर खुलने का इंतजार कर रही थी. युवती ने बताया कि वह छत्तीसगढ़ में रहती है और अपने मायके में आयी हुई है. वृद्ध मां को डाकघर से पैसा निकलवाने के लिये साइकिल से सुबह सात बजे घर से निकली थी और करीब ढाई घंटे साइकिल चलाते हुये दाउदनगर तक पहुंची है.
गांव में बैंक की आवश्यकता : जदयू प्रखंड अध्यक्ष
जदयू प्रखंड अध्यक्ष एवं चौरी पंचायत के मुखिया अनिल कुमार चंद्रवंशी ने कहा कि चौरी पंचायत मुख्यालय के साथ-साथ बड़ा गांव भी है. जहां की आबादी काफी अधिक है. यहां के लोगों को बैंक संबंधित कार्य के लिये दाउदनगर या हसपुरा जाना पड़ता है. इसलिए चौरी में भी किसी बैंक की शाखा खोले जाने की आवश्यकता है. अभी वर्तमान में एक ग्राहक सेवा केंद्र है, जिस पर भी काफी भीड़ दिखती है.