अररिया : भारत सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जागरूकता व बचाव को लेकर तरह-तरह के उपाय निकाल रही है. इसके बावजूद स्थानीय स्तर पर दूसरे प्रदेश से पहुंचे लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं. जिसका खामियाजा समाज के एक-एक व्यक्ति को भुगतना पड़ सकता है. कुछ इसी तरह का मामला बिहार के अररिया से मिल रहा है.
29 की संख्या में दूसरे प्रदेश से पहुंचे लोग हो गये फरार
दरअसल, अररिया में नरपतगंज के पदाधिकारी व प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हैं, जो लगातार दूसरे प्रदेश से पहुंचने वाले लोगों को चिह्नित कर मेडिकल कराने के बाद पंचायत में बने सेंटर पर भेज रहे हैं. जबकि, प्रशासन के लाखों प्रयास के बावजूद भी 29 की संख्या में दूसरे प्रदेश से पहुंचे लोग फरार हो गये. हालांकि, सेंटर पर मौजूद प्रधानाध्यापक एएनएम व कर्मी द्वारा काफी समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन किसी का कुछ नहीं सुना और हाथापाई करते हुए विद्यालय से अपने घरों के लिए निकल पड़े.
सभी की पहचान कर कार्रवाई की जायेगी : प्रशासन
इस तरह की हरकत की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन भी आक्रोशित है. जबकि, प्रशासन ने साफ शब्दों में कहा कि ऐसी हरकत करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा. उन्हें चिह्नित कर एक-एक पर कार्रवाई की जायेगी. मालूम हो कि मंगलवार को बीडीओ रंजीत कुमार सिंह, सीओ निशांत कुमार, थानाध्यक्ष सुनील कुमार द्वारा दूसरे प्रदेश से पहुंचे करीब 75 लोगों को प्रखंड मुख्यालय परिसर में मेडिकल कैंप में स्कैनिंग के बाद पंचायत में बने सेंटर पर भेजा गया. जबकि, फरही पंचायत के मध्य विद्यालय जोगीपुर में बनाये गये सेंटर पर बस से 29 लोगों को भेजा गया.
हाथापाई करते हुए सभी अपने-अपने घर के लिए निकल पड़े
रात भर रहने के बाद दूसरे दिन बुधवार को खाना नहीं मिलने व घर दूर होने का बहाना बनाकर ड्यूटी पर मौजूद कर्मी के साथ हाथापाई करते हुए सभी अपने-अपने घर के लिए निकल पड़े.
नाथपुर पंचायत में भी दो लोगों के भाग जाने की सूचना
उधर, नाथपुर पंचायत में भी 8 की संख्या में लोगों को भेजा गया. वहां से भी दो लोगों के भागे जाने की सूचना मिली है. मामले को गंभीरता से लेते हुए सीओ निशांत कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है. इस तरह हरकत करने वाले को चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी.