शाहजहांपुर/नोएडा : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में रविवार को एक युवक को गिरफ्तार किया गया. पुलिस अधीक्षक एस चिनप्पा ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल एक ऑडियो में जिले के एक युवक द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बात कही गयी थी. उन्होंने बताया कि ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने उसका तत्काल संज्ञान लेते हुए आरोपी युवक फरहान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
कोरोना वायरस : 7 साल कारावास से कम की सजा पाने वाले 430 कैदी हुए रिहा
नोएडा : कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के मकसद से गौतम बुद्ध नगर जिला कारावार में बंद ऐसे 430 कैदियों को जमानत या पैरोल पर रिहा किया गया है जो सात साल कारावास से कम की सजा भुगत रहे हैं. कोविड-19 के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय के सुझाव पर उत्तर प्रदेश सरकार ने जेल में बंद कैदियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है.
सामाजिक दूरी सुनिश्चित करना आसान हो जायेगा : जेल अधीक्षक
उत्तर प्रदेश सरकार सूबे की जेलों में बंद 11 हजार कैदियों को आठ सप्ताह के लिए निजी मुचलके पर रिहा कर रही है. गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि देश में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर बीते दिनों न्यायालय ने सुझाव दिया था कि सात वर्ष तक की सजा भुगत रहे कैदियों को पैरोल या जमानत पर रिहा कर दिया जाये. इससे शेष कैदियों के बीच सामाजिक दूरी सुनिश्चित करना आसान हो जायेगा.
नोएडा में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि नोएडा में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. यह संख्या 58 हो गयी है. उन्होंने बताया कि नोएडा की लुक्सर जेल में सात वर्ष तक के सजायाफ्ता कैदियों की संख्या 27 है जबकि विचाराधीन कैदियों की संख्या लगभग 420 है. जेल अधीक्षक ने बताया कि 30 मार्च को 23 कैदियों को रिहा किया गया. 31 मार्च को 54 कैदियों को रिहा किया गया.
कुछ कैदी जेल से रिहा होना नहीं चाहते क्योंकि…
उन्होंने बताया कि इसी तरह शनिवार को 42 महिला कैदी तथा 38 पुरुष कैदियों को रिहा किया गया और अब तक कुल 430 कैदियों को रिहा किया जा चुका है, जिनमें 417 अंतरिम जमानत पर हैं और 13 पैरोल पर हैं. अधिकारी में बताया कि कुछ कैदी जेल से रिहा होना नहीं चाहते क्योंकि कुछ कैदियों के जेल से बाहर निकलकर रहने का ठिकाना नहीं है, जबकि कुछ कैदी जेल में रहकर अपना उपचार कराना चाहते हैं. वहीं कुछ कैदियों का कहना है कि वे बाहर से ज्यादा जेल के अंदर ज्यादा सुरक्षित हैं क्योंकि बाहर वायरस फैलने की आशंका ज्यादा है.
सजा तय करने के लिए जेल के अंदर ही लगी अदालत
उन्होंने बताया कि जेल में काफी संख्या में कैदी विभिन्न कानून के तहत बंद हैं जिनकी सजा तय करने के लिए आज जेल के अंदर ही अदालत लगी है. इन मामलों की सुनवाई जेल परिसर में तीन जजों द्वारा की जा रही है और सुनवाई के उपरांत फैसला आने के बाद शाम तक कुछ और कैदियों के रिहा होने की संभावना है.