कोरोना ने बदला शादी-ब्याह का पैटर्न, घरों के बजाय धार्मिक स्थलों पर गूंज रहीं शहनाइयां

कोडरमा (गौतम राणा) : वैश्विक महामारी कोरोना ने एक ओर जहां लोगों की जीवन शैली में काफी बदलाव ला दिया है, वहीं कोरोना का भय और सरकारी निर्देशों के अनुपालन के कारण शादियों का पैटर्न भी बदल गया है. पहले शादी ब्याह के मौके पर लोग तड़क भड़क में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते थे, मगर इन दिनों घरों की बजाय धार्मिक स्थलों पर शादी ब्याह करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. मंदिर प्रबंधन द्वारा भी कोरोना को लेकर एहतियात बरते जा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2020 11:32 AM
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कोडरमा (गौतम राणा) : वैश्विक महामारी कोरोना ने एक ओर जहां लोगों की जीवन शैली में काफी बदलाव ला दिया है, वहीं कोरोना का भय और सरकारी निर्देशों के अनुपालन के कारण शादियों का पैटर्न भी बदल गया है. पहले शादी ब्याह के मौके पर लोग तड़क भड़क में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते थे, मगर इन दिनों घरों की बजाय धार्मिक स्थलों पर शादी ब्याह करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. मंदिर प्रबंधन द्वारा भी कोरोना को लेकर एहतियात बरते जा रहे हैं.

धार्मिक स्थलों पर शादी ब्याह से एक ओर जहां तड़क भड़क और शादी में बेहिसाब पैसों का खर्च भी नहीं हो रहा, वहीं कोरोना काल में सरकारी नियमों का भी अनुपालन भी हो रहा है. कोडरमा जिला मुख्यालय स्थित ध्वजाधारी धाम में भी कुछ इसी तरह का नजारा दिख रहा है. यहां पिछले 25 नवंबर से लग्न शुरू होते ही शादी शुरू हो गयी है.

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रविवार को बिहार से शादी करने पहुंचे दूल्हे के परिजनों ने कहा कि कोरोना ने लोगों को काफी कुछ सीखने का मौका दिया है. पहले शादी ब्याह के मौके पर खर्च करने में कोई कोर कसर नही छोड़ा जाता था. हमने भी अपने पुत्र की शादी धूमधाम से करने का अरमान कर रखा था, परन्तु कोरोना का डर और सरकारी गाइडलाइन ने ऐसा करने से रोक दिया. दोनों पक्षों की रजामंदी से सीमित संख्या में मेहमानों व नजदीकी रिश्तेदारों को आमंत्रित कर शादी का रस्म पूरा किया जा रहा है. कोरोना को लेकर ध्वजाधारी धाम प्रबन्धन द्वारा जारी निर्देशों के बीच वैवाहिक कार्यक्रम पूरा किया जा रहा है.

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कोरोना ने बदला शादी-ब्याह का पैटर्न, घरों के बजाय धार्मिक स्थलों पर गूंज रहीं शहनाइयां 2

ध्वजाधारी धाम के मुख्य महंत महामंडलेश्वर सुखदेव दास जी महाराज ने बताया कि सरकार से दिशा निर्देश मिलने के बाद धाम में वैवाहिक कार्यक्रम करने की अनुमति शर्तों के साथ दी गयी है. इसके तहत वर वधु के माता पिता व परिजनों को धाम में प्रवेश करते ही उन्हें नियमों का कड़ाई से पालन करने, कार्यक्रम के दौरान मास्क, सैनिटाइजर का इस्तेमाल अनिवार्य रुप से करने तथा दोनों पक्षों से सरकार द्वारा निर्धारित संख्या में ही शादी में पहुंचने को कहा जाता है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में शादी ब्याह के ज्यादा लग्न नहीं है. नवंबर माह में 25, 29 और 30 नवंबर जबकि दिसंबर में 1, 6 और 11 को लग्न है. इसके बावजूद धाम के पुजारियों व अन्य सदस्यों को नियमों का पालन कड़ाई से करवाने का निर्देश दिया गया है.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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