Lockdown 2.0 And Wedding Ceremonies : शहनाई की गूंज हुई ‘लॉक’, 1.5 लाख लोगों का धंधा हुआ ‘डाउन’

कोरोना वारयस के बढ़ते खतरे के बीच अप्रैल समापन की ओर है. देश के अन्य राज्यों समेत बिहार में भी हर साल इस माह में शहनाईयां बजती थीं. घरों में मंगल गीत गूंजते थे और बाजार गुलजार रहता था. सगे-संबंधियों के यहां आना-जाना लगा रहता था. वहीं, इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के भय में सब कुछ बदल दिया है.

By Samir Kumar | April 25, 2020 6:18 PM

गोपालगंज : कोरोना वारयस के बढ़ते खतरे के बीच अप्रैल समापन की ओर है. देश के अन्य राज्यों समेत बिहार में भी हर साल इस माह में शहनाईयां बजती थीं. घरों में मंगल गीत गूंजते थे और बाजार गुलजार रहता था. सगे-संबंधियों के यहां आना-जाना लगा रहता था. वहीं, इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के भय में सब कुछ बदल दिया है. गुलजार रहने वाले बाजारों में सन्नाटा है. लगन को लेकर भीड़ लगनी वाली दुकानों में ताला लटका है. कोरोना संकट ने शहनाई की गूंज को जहां लॉक कर दिया है, विवाह मुहूर्त पर वायरस का संक्रमण लग गया है. बिहार के गोपालगंज जिले में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है.

एक दूजे के होने के बीच लॉकडाउन बना खलनायक

दांपत्य बंधन में बनकर एक दूजे के होने के सपने सजाये युवक-युवतियों को अब लंबा इंतजार करना पड़ेगा. मई तक की सभी शादियां टल चुकी हैं. मैरेज हॉल, बैंड, मशाला वाले, कैटरीन सहित तमाम बुकिंग लगातार कैंसिल हो रहे हैं. ऐसे में 1.5 लाख से अधिक लोगों को धंधा भी डाउन हो गया है.

Also Read: Bihar Covid-19 News Update : कोरोना का ‘हॉटस्पॉट’ बना डुमरांव, पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वालों की तलाश तेज
बाजार और रोजगार पर असर

लगन न सिर्फ दो दिलों को दांपत्य बंधन में बांधने का मुहूर्त है, बल्कि बाजार और रोजगार के लिये वर्तमान परिवेश में अहम कड़ी बन गया था. लगन के कारण न सिर्फ बाजार में उछाल आता था, बल्कि रोजगार भी मिलता था. जिले पर नजर डाले तो 1.5 लोग केवल लगन की कमाई से पूरे साल परिवार चलाते थे. बैंड, मैरेज हॉल, कैटरीन, टेंट-सामियाना, लाइट आदि का धंधा केवल लगन से चलता है. सामाजिक तानाबाना के बेजोड़ संगम बना वैवाहिक मुहूर्त सभी वर्ग के लोगों के लिये एक बड़ा रोजगार बन कर हर साल आता है.

Also Read: Coronavirus Update : बिहार के कुल 20 जिलों में Covid-19 का संक्रमण, सारण में कोरोना का दूसरा पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने से हड़कंप
कोरोना वायरस के संक्रमण का भय सभी के सपने को कर दिया ‘लॉक’

लगन से 1.5 लाख लोगों के परिवार का न सिर्फ गुजारा होता था, बल्कि कमाई कर कई लोग कुछ नया करते थे. इस बार भी जिले में 16 हजार से अधिक शादियां तय थी. बैंड-बाजा से लेकर टेंट शामियाने तक की बुकिंग हो चुकी थी, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण का भय सभी के सपने को लॉक कर दिया है.

Next Article

Exit mobile version