कोलकाता : दुनिया भर के 170 से ज्यादा देशों के लोगों को ‘कैदी’ बनाने वाला जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) पश्चिम बंगाल (West Bengal) कैदियों के लिए ‘वरदान’ साबित होने वाला है. इस राज्य की जेलों में बंद उम्रकैद (Life Imprisionment) की सजा काट रहे कैदियों को जेल से पैरोल (Parole) पर रिहा किया जा सकता है.
पश्चिम बंगाल जेल विभाग कोरोना वायरस (Coronavirus) के मद्देनजर आजीवन कारावास की सजा काट रहे दोषियों को पैरोल पर रिहा करने पर विचार कर रहा है. अतिरिक्त महानिदेशक (जेल) अरुण गुप्ता के अनुसार, कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते विभाग इस बात पर विचार कर रहा है कि क्या आजीवन कारावास की सजा काट रहे उन दोषियों को पैरोल दिया जाना चाहिए, जो इसके इच्छुक हैं और जिन्हें रिहा किया जा सकता है.
जेल विभाग के एक और वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. हम विचार-विमर्श कर रहे हैं कि क्या ऐसा किया जा सकता है, क्योंकि जेलों में कैदी काफी ज्यादा हैं और जगह कम.’ उन्होंने कहा, ‘इस वायरस से निबटने के नियमों के अनुसार एक साथ रखे गये लोगों के बीच पर्याप्त दूरी होनी चाहिए.’
पश्चिम बंगाल में लगभग 60 जेल हैं, जिनमें लगभग 25,000 कैदी हैं. इनमें से 7,000 को दोषी करार दिया जा चुका है और बाकी के खिलाफ सुनवाई चल रही है. अधिकारी ने कहा, ‘इन 7,000 कैदियों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी भी शामिल हैं. हम उनसे बात करके यह पता लगा रहे हैं कि उनमें से कौन-कौन पैरोल लेना चाहता है. इसके बाद फैसला लिया जायेगा कि किन कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जा सकता है.’
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में खौफ फैल गया है. चीन और इटली में काफी संख्या में इस विषाणु ने लोगों की जान ले ली है. संक्रमण के बाद यह वायरस तेजी से फैलता है. चूंकि वैज्ञानिक अब तक इसकी दवा नहीं ढूंढ़ पाये हैं, इसलिए सावधानी ही इस वायरस से बचाव का एकमात्र उपाय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए देशवासियों से अपील की है कि वे बहुत जरूरत न हो, तो घर पर ही रहें.
यहां तक कि प्रधानमंत्री ने रविवार (22 मार्च, 2020) को जनता कर्फ्यू का पालन करने की भी लोगों से अपील की है. इसके तहत लोग अपनी इच्छा से उस दिन सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक अपने घरों से बाहर नहीं निकलेंगे. साथ ही कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों, नर्सों, मेडिकल स्टाफ्स और सरकारी कर्मचारियों को शाम 5 बजे अपने घर के बाहर खड़े होकर ताली बजाकर, थाली बजाकर धन्यवाद देंगे.