कटिहार : पूरा देश कोराना वायरस के संक्रमण को लेकर जद्दोजहद कर रहा है. वहीं, रेलवे भी अहम भूमिका निभाते हुए कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार के निर्देश पर बड़ा फैसला लिया है. रेलवे ने स्लीपर कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने का फैसला किया है. क्या आपने देखा, रेल डिब्बों में कोरोना आइसोलेशन वार्ड कैसे तैयार हुआ है?
मालीगांव के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी शुभानंन चंद्रा ने रेलवे कोच में तैयार किये गये आइसोलेशन वार्ड के संबंध में बताया कि कोच में आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के लिए बीच के बर्थ को एक तरफ से हटा दिया गया है तथा दो फीट की दूरी पर एक लोअर बर्थ लगाया गया है. मरीज के बर्थ के सामने के सभी तीन बर्थ और ऊपर के बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ी हटा दी गयी है. आइसलोशन कोच को तैयार करने के लिए बाथरूम, गलियारों और दूसरी जगहों में भी फेरबदल किया गया है. इसके अलावा कोच में इलेक्ट्रिक्स प्वांइटस दिये गये हैं. आइसोलेशन वार्ड में स्वास्थ्य संबंधी जितने भी उपकरण होने चाहिए, वह उपलब्ध कराये गये हैं. चलते-फिरते आइसोलेशन वार्ड से दूरदराज के इलाकों में कोविड -19 के मरीजों को इलाज में मदद मिलेगी. रेलवे द्वारा तैयार किये गये आइसोलेशन वार्ड के हर कोच में आखिरी पार्टीशन से दरवाजे को हटा दिया गया है. कोच के आखिरी में भारतीय टॉयलेट को बाथरूम में बदल दिया गया है. एक कोच में चार बाथरूम बनाये गये हैं. प्रत्येक बाथरूम में हैंड शावर, एक बाल्टी और मग भी रखा गया है.
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के कारण बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने स्लीपर कोच को आइसोलेशन में तब्दील किया गया है. इससे कोरोना से संक्रमित मरीजों को आइसोलेशन बर्थ उपलब्ध हो पायेगा और उनका इलाज बेहतर तरीके से हो पायेगा. चंद्रा ने बताया कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में कामाख्या डिपो में आइसोलेशन को बेहतर ढंग से बनाया गया है. साथ ही इस आइसोलेशन कोच में मेडिकल टीम एवं एनएफ रेलवे के मालीगांव के सेंट्रल हॉस्पिटल के चिकित्सक भी मौजूद रहेंगे.