Coronavirus Update Jharkhand, Dhanbad News धनबाद : देश जब भी मुश्किल हालात से गुजरा है, तो विदेशों में रह रहे भारतियों ने दिल खोल कर मदद की है. अभी समूचा भारत कोरोना महामारी के संकट से गुजर रहा है. स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कई प्रकार की चुनौतियां सामने हैं. ऐसी परिस्थिति में अमेरिका में रह रहे बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआइटी) सिंदरी के पूर्ववर्ती छात्र डॉ केपी सिंह मदद के लिए आगे आये हैं. हालांकि कई पूर्ववर्ती छात्र मदद काे पहले भी आगे आते रहे हैं. डॉ सिंह बीआइटी सिंदरी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच के 1967 बैच के पासआउट छात्र रहे हैं.
उन्होंने प्रधानमंत्री केयर फंड में एक मिलियन यूएस डॉलर दान किया है. भारतीय रुपये में यह राशि 74.10 लाख है. उन्होंने यह डोनेशन बीआइटी सिंदरी एलुमिनाई एसोसिएशन नॉर्थ अमेरिका चैप्टर के माध्यम से दिया है. साथ ही, डॉ केपी सिंह ने अपने गृह क्षेत्र बिहार के लखीसराय जिला के बड़हिया में 30 मिलियन यूएस डॉलर की लागत से 100 बेड का मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल बनवाने की बात कही है. उनकी ओर से कहा गया है कि यह उनके देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत संरचना को मजबूत करने की शुरुआत है. वह देश के अन्य शहरों में भी आगे चल कर ऐसे अस्पताल बनवायेंगे.
पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी की तर्ज पर टेक्नोलॉजी सेंटर की घोषणा : डॉ केपी सिंह ने वर्ष 2018 में बीआइटी सिंदरी का दौरा किया था. यहीं से उन्होंने बीटेक तक की पढ़ाई की थी. बीआइटी सिंदरी को लेकर उन्होंने घोषणा की है कि यहां शिक्षकों की कमी दूर में करने में मदद करेंगे. अभी शुरू में ऐसे पांच शिक्षक संस्थान को मुहैया करायेंगे.
इन शिक्षकों का वेतन और संस्थान तक आने-जाने का खर्च वह खुद वहन करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका के पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी की तर्ज पर यहां टेक्नोलॉजी सेंटर बनाने की घोषणा की है. इसका उद्देश्य बीआइटी सिंदरी को केंद्रीय संस्थान के समकक्ष लाना है.
डॉ केपी सिंह बीआइटी सिंदरी से बीटेक की पढ़ाई पूरी करने उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गये. वहां उन्होंने पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की. उन्हें नैनो टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल है. इसके बाद डॉ सिंह वहीं बस गये. कई नौकरियां करने के बाद उन्होंने अमेरिका में होलटेक कॉरपोरेशन नाम की कंपनी बना ली. उनकी कंपनी अमेरिका में परमाणु तकनीक के क्षेत्र में जाना-माना नाम है. कंपनी परमाणु कचरा का प्रबंधन और परमाणु रिएक्टर की डिजाइनिंग के क्षेत्र में काम करती है.
Posted By : Sameer Oraon