साहिबगंज. मनरेगा के तहत वन विभाग की ओर से फलदार वृक्षारोपण में 46 लाख 58 हजार 164 रुपये गबन करने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने क्रिमिनल अपील 08/2022 को स्वीकृत करते हुए तत्कालीन रेंज ऑफिसर सुशील कुमार प्रसाद एवं फॉरेस्ट गार्ड विश्वनाथ राम को पांच वर्ष कारावास एवं एक-एक लाख रुपया जुर्माना लगाया है. मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2012 में इनलोगों ने मनरेगा के तहत करीब 65 लाख रुपये की अग्रिम निकासी की थी. निरीक्षण के बाद पाया गया कि मात्र 19 लाख रुपये का ही वृक्षारोपण धरातल पर हुआ है .
इस मामले में तत्कालीन वन प्रमंडल पदाधिकारी जेपीएन सिन्हा ने रियो थाना में थाना कांड संख्या 216/2012 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी थी. सुनवाई के बाद तत्कालीन प्रभारी अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शैलेंद्र कुमार ने दोनों आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ वन विभाग के पूर्व डीएफओ जयप्रकाश नारायण सिन्हा ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, साहेबगंज के न्यायालय में अपील दायर की थी.
जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र श्रीवास्तव ने पहले के फैसले को बदलते हुए दोनों आरोपी को सरकारी राशि के गबन का दोषी मानते हुए पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक -एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. अपीलार्थी की ओर से अपर लोक अभियोजक आनंद कुमार चौबे ने हिस्सा लिया. न्यायालय ने दोनों अभियुक्त को 30 दिन के अंदर संबंधित न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है. आपको बता दें कि फलदार वृक्षारोपण में 46 लाख 58 हजार 164 रुपये गबन करने के मामले में कोर्ट ने रेंजर और फॉरेस्ट गार्ड को मजा सुनाई है.