महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले की एक अदालत ने अभिनेता शाहरुख खान अभिनीत फिल्म ‘पठान’ के टीजर और इसके गीत ‘बेशरम रंग’ को यूट्यूब पर बिना यू/ए सेंसर प्रमाणपत्र दिखाने पर रोक के लिए अस्थायी आदेश के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया. अहमदनगर की श्रीरामपुर अदालत में संयुक्त दीवानी न्यायाधीश पी ए पटेल ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि किसी वादी को अपने दावे के समर्थन में कुछ न कुछ पेश करना चाहिए.
सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले सुरेश पाटिल ने फिल्म के रिलीज होने से पहले अदालत का रुख किया था. फिल्म 25 जनवरी को सिनेमाघरों में आई थी. अदालत ने कहा कि शिकायत और दाखिल किये गये दस्तावेज को पढ़कर लगता है कि वादी द्वारा ‘पठान’ फिल्म के टीजर और ‘बेशरम रंग’ गीत को बिना यू/ए प्रमाणपत्र के दिखाने से प्रतिवादियों (यशराज फिल्म्स) को रोकने के लिए अस्थायी आदेश की मांग की जा रही है.
अदालत ने यह भी कहा कि वादी की दलीलों से नजर आता है कि उसने यूट्यूब पर गाना और टीजर देखा है और यह भी देखा कि इन्हें दिखाने से पहले यू/ए प्रमाणपत्र नहीं दिखाया जाता. अदालत के मुताबिक, पटेल ने खुद यू/ए प्रमाणपत्र का उद्देश्य बताया है जो 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अभिभावकों के मार्गदर्शन में निर्बाध प्रदर्शन है. इसने कहा कि वादी को कोई नुकसान नहीं हुआ. अदालत ने कहा कि इससे नजर आता है कि वादी भ्रमित हो गया.
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बता दें कि, बेशरम रंग गाने में दीपिका पादुकोण के भगवा आउटफिट को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं. कईयों ने सामने आकर आरोप लगाया कि गाने ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. अहमदाबाद के एक मॉल में “पठान” के पोस्टर्स फाड़ दिये गये और वीएचपी और बजरंग दल के सदस्यों ने कहा कि वे गुजरात में फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं देंगे, जब तक कि गीत पर उनके मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता.