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कोरोना का खौफ : कलकत्ता हाइकोर्ट और निचली अदालतों में केवल अत्यावश्यक मामलों की ही सुनवाई होगी

courts of west bengal including calcutta high court will hear only very urgent matters. कलकत्ता हाइकोर्ट (Calcutta High Court) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) एवं अंडमान-निकोबार (Andaman-Nicobar) में उसकी अधीनस्थ अदालतें (Courts) मंगलवार (17 मार्च, 2020) से केवल अत्यावश्यक मामलों की ही सुनवाई करेंगी, ताकि बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र होने से रोका जा सके. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि अदालत ने यह फैसला कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे के मद्देनजर उठाया है.

By Mithilesh Jha | March 16, 2020 12:11 PM

कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट और पश्चिम बंगाल एवं अंडमान-निकोबार में उसकी अधीनस्थ अदालतें मंगलवार (17 मार्च, 2020) से केवल अत्यावश्यक मामलों की ही सुनवाई करेंगी, ताकि बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र होने से रोका जा सके. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि अदालत ने यह फैसला कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर उठाया है.

कलकत्ता हाइकोर्ट की रजिस्ट्रार जनरल राय चट्टोपाध्याय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि स्थिति में सुधार होने तक किसी पक्षकार के अनुपस्थित होने पर कोई विपरीत आदेश जारी नहीं किया जायेगा. निर्देश 16 मार्च, 2020 को सूचीबद्ध मामलों के लिए भी लागू होगा.

अधिसूचना में कहा गया, ‘मंगलवार (17 मार्च, 2020) से केवल अत्यावश्यक प्रकृति के मामलों की ही सूची जारी की जायेगी और संबंधित पीठों के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख किया जायेगा.’ चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘कैदियों को अदालत में पेश करने की बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.’

रजिस्ट्रार जनरल ने कहा कि राज्य की सभी अदालतों में कर्मचारियों की संख्या कम से कम आधी की जाये और कार्यालय सुनिश्चित करें कि कर्मचारी बारी-बारी से काम करें. उन्होंने कहा कि यह दिशा-निर्देश उच्च न्यायालय की जलपाईगुड़ी और अंडमान-निकोबार सर्किट बेंच लिए भी लागू होगा.

श्री चट्टोपाध्याय ने कहा कि 20 मार्च, 2020 को हालात की समीक्षा की जायेगी. अधिसूचना में कहा गया, ‘अदालतें आवश्यक नहीं होने पर पक्षकारों के उपस्थित होने पर जोर नहीं दें.’ रजिस्ट्रार जनरल ने कहा, ‘अदालत परिसर में भीड़ होने से रोकने के लिए वादियों और आम लोगों के प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए उचित उपाय किये जाने चाहिए.’

अधिसूचना में कहा गया, ‘चिकित्सा शाखा में कार्यरत डॉक्टर को उच्च न्यायालय की इमारत के सभी प्रवेश द्वार पर ‘थर्मल गन’ के साथ उपस्थित रहे और परिसर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति के शरीर के तापमान की जांच करे. अगर कोई बुखार से पीड़ित पाया जाता है, तो वहां मौजूद डॉक्टर तुरंत कार्रवाई करें और उसका प्रवेश रोके.’

अधिसूचना के मुताबिक, रजिस्ट्रार जनरल उच्च न्यायालयों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने और उचित संख्या में थर्मल गन उपलब्ध कराने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखेंगी. इसी तरह की व्यवस्था सभी जिला और सब डिविजनल अदालतों में भी करने के लिए सरकार से अनुरोध किया जायेगा.

श्री चट्टोपाध्याय ने कहा कि न्यायाधीश और बार एसोसिएशन यह भी सुनिश्चित करें कि मौजूदा स्थिति बनी रहने तक प्रशिक्षुओं को अदालत परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दें. अधिसूचना में वकीलों से कहा गया कि वे अपने मुवक्किलों को सलाह दें कि जरूरी नहीं होने पर वे अदालत परिसर में नहीं आयें. चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘सभी न्यायाधीश यथासंभव जल्दी अदालत परिसर छोड़ें और अपने कर्मियों को कार्यमुक्त करें.’

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