नोएडा (भाषा): एनसीआर( राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ) में कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद गौतम बुद्ध नगर जिला स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिये हैं. माना जा रहा है कि क्रिसमस और नए साल के अवसर पर जश्न के दौरान संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं. गाजियाबाद और नोएडा में संक्रमण का एक-एक मामला सामने आने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को कोविड-19 से बचाव संबंधी प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है.
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील शर्मा ने जारी अलर्ट में कहा है कि वायरस का नया स्वरूप खतरनाक नहीं है. लेकिन इसके संक्रमण से बचने की जरूरत है. इसे देखते हुए लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए. साथ ही सार्वजनिक जगहों पर सामाजिक दूरी का पालन, मास्क का उपयोग जैसे कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का का पालन करने का सुझाव दिया है.
सीएमओ ने कहा कि वायरस के नए स्वरूप से डरने की जरूरत नहीं है. लेकिन, बचाव के लिए सावधानी जरूरी है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर खांसी-जुकाम होने पर लोग खुद दवा दुकानदारों से दवा ले लेते हैं, जो ठीक नहीं है. सीएमओ ने खांसी-जुकाम अथवा फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा लेने का सुझाव दिया है.
सीएमओ ने बताया कि जिला अस्पताल समेत जिले के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड-19 की जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों को फ्लू अथवा कोविड-19 के लक्षण नजर आने पर तुरंत जांच कराने के आदेश दिए जा चुके हैं. जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार ने कहा कि क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का ध्यान रखना जरूरी है, इससे संक्रमण बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि मधुमेह, टीबी, कैंसर, अस्थमा या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इंफ्लुएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई) और श्वसन संबंधी गंभीर संक्रमण के मामलों में सभी मरीजों की आरटीपीसीआर जांच कराने के लिए कहा है. संक्रमण की पुष्टि होने पर नमूने के जीनोम सीक्वेंसिंग के आदेश दिए गए हैं.
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जिले में कई अस्पतालों सहित कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में तैयारी शुरू कर दी गई है. अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में 10 बिस्तरों का पृथक वार्ड तैयार किया गया है. जरूरत पड़ी तो वार्ड और बिस्तर बढ़ा दिए जाएंगे. साथ ही अस्पताल आने वाले सामान्य मरीजों की जांच को लेकर सतर्कता बरती जा रही है. जिम्स अस्पताल के निदेशक ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि यहां अन्य बीमारियों के उपचार के लिए आने वाले मरीजों की पहले एंटीजन जांच कराई जा रही है. राज्य सरकार के सचिव रंजन कुमार की ओर से भी संस्थान प्रशासन को पत्र भेजकर अस्पताल में आने वाले खांसी, जुकाम, बुखार आदि के रोगियों की विशेष जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ी तो संक्रमित मरीजों के लिए वार्ड और बिस्तर की संख्या बढ़ा दी जाएगी.