Pashupatinath Temple : नौ महीने बंद रहने के बाद खुला नेपाल का ऐतिहासिक पशुपतिनाथ मंदिर, जानें श्रद्धालुओं के लिए क्या लागू हुए नियम…

Pashupatinath Temple : नेपाल में पांचवीं सदी के पवित्र पशुपतिनाथ मंदिर COVID-19 महामारी के चलते नौ महीने बंद था. अब बुधवार को श्रद्धालुओं के लिए इस मंदिर खोल दिया गया है. पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल का सबसे बड़ा मंदिर है. पशुपतिनाथ मंदिर बागमती नदी के किनारे स्थित है. नेपाल और भारत से हजारों लोग रोजाना इसके दर्शन के लिए आते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2020 9:52 AM

Pashupatinath Temple : नेपाल में पांचवीं सदी के पवित्र पशुपतिनाथ मंदिर COVID-19 महामारी के चलते नौ महीने बंद था. अब बुधवार को श्रद्धालुओं के लिए इस मंदिर खोल दिया गया है. पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल का सबसे बड़ा मंदिर है. पशुपतिनाथ मंदिर बागमती नदी के किनारे स्थित है. नेपाल और भारत से हजारों लोग रोजाना इसके दर्शन के लिए आते हैं.

नेपाल सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए मार्च में लॉकडाउन लागू किया था. तब से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी थी. पशुपति मंदिर एरिया ट्रस्ट के प्रमुख प्रदीप ढकाल के अनुसार काठमांडू के बाहरी इलाके में स्थित मंदिर को फिर से खोलने के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं. बुधवार को शिव मंदिर में प्रवेश के लिए सैकड़ों श्रद्धालु कतारबद्ध नजर आए.

जानिए मंदिर में प्रवेश के लिए क्या है नियम

मंदिर में प्रवेश के दौरान श्रद्धालुओं को मास्क पहनना और हाथों को सैनिटाइज करना अनिवार्य है. इसके बाद उन्हें एक कक्ष से गुजरना होगा जहां, तापमान मापने वाले स्वचालित कैमरे लगे हुए हैं. मुख्य मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं को तरल साबुन से अपने हाथ धोने होंगे. इसके बााद श्रद्धालुओं को सभी स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों का पालन करने के बाद मंदिर में प्रार्थना की अनुमति दी जाएगी.

विशेष पूजा, भजन की नहीं दी गई इजाजत

मंदिर बुधवार से खुल गया है, लेकिन अभी विशेष पूजा, भजन, गाने और अनुष्ठान गतिविधियों की इजाजत नहीं दी गई है. प्रदीप ढकाल ने कहा कि कोरोना के चलते हम खुद को प्रतिबंधित करने के लिए मजबूर थे. हम धीरे-धीरे विशेष पूजा, भजन और अन्य अनुष्ठानों को शुरू करेंगे. हालांकि, मंदिर में स्वास्थ्य सुरक्षा प्रक्रियाओं को अपनाने के चलते इन्हें अभी बंद किया गया है.

News posted by : Radheshyam kushwaha

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