बंगाल में कोविड-19 के मरीजों की संख्या 58 पहुंची, मुख्य सचिव बोले : कोई सूचना नहीं छिपा रही सरकार
covid19 cases in west bengal rises to 58 chief secy says govt in not hiding any information कोलकाता : कोलकाता पत्तन न्यास के हल्दिया बंदरगाह परिसर में काम करने वाले एक व्यक्ति में कोरोना वायरस की पुष्टि के साथ ही पश्चिम बंगाल में अब तक 58 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, राज्य के मुख्य सचिव ने कहा है कि कोविड-19 से जुड़ी कोई भी सूचना सरकार नहीं छिपा रही है.
कोलकाता : कोलकाता पत्तन न्यास के हल्दिया बंदरगाह परिसर में काम करने वाले एक व्यक्ति में कोरोना वायरस की पुष्टि के साथ ही पश्चिम बंगाल में अब तक 58 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, राज्य के मुख्य सचिव ने कहा है कि कोविड-19 से जुड़ी कोई भी सूचना सरकार नहीं छिपा रही है.
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कोलकाता पत्तन न्यास के हल्दिया बंदरगाह परिसर में काम करने वाला यह शख्स दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुआ था. कोलकाता पत्तन न्यास ने शनिवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. ताजा मामले के बाद पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के मामलों की संख्या बढ़कर 58 हो गयी है.
वक्तव्य में कहा गया, ‘हल्दिया में हमारे एक ठेकेदार के कर्मचारी में दो अप्रैल को कोरोना वायरस की पुष्टि हुई. वह निजामुद्दीन से 24 मार्च को लौटा था. हो सकता है कि वह बंदरगाह भी गया हो. निजामुद्दीन प्रकरण सामने आने के बाद हल्दिया नगर पालिका द्वारा व्यक्ति की जांच करायी गयी. इस मामले के कारण बाकी मजदूर बंदरगाह पर नहीं आये.’
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वक्तव्य के अनुसार, कोविड-19 मरीज के संपर्क में आने वाले अधिकारियों को पृथक-वास में भेज दिया गया है और बंदरगाह परिसर को बड़े स्तर पर सैनीटाइज किया जा रहा है. पश्चिम बंगाल सरकार ने ऐसे 65 लोगों की पहचान की है, जो मार्च में दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और उनके संपर्क में आये 200 लोगों को पृथक-वास में भेज दिया गया है.
कोई जानकारी नहीं छिपायी : मुख्य सचिव
कोविड-19 से पश्चिम बंगाल में हुई मौत के आंकड़ों पर उठते सवालों के बीच राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार इस संक्रामक बीमारी के संबंध में कोई भी तथ्य या आंकड़ा छिपाने का प्रयास नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्तियों के यात्रा विवरण तलाशने की बजाय मीडिया को ममता बनर्जी सरकार द्वारा महामारी से लड़ने के लिए उठाये गये कदमों को दिखाना चाहिए.
इस सप्ताह की शुरुआत में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या पर वरिष्ठ अधिकारियों ने असहमति जतायी थी. राज्य सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों की एक समिति ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से 7 लोगों की मौत हुई है. इसके कुछ घंटों बाद श्री सिन्हा ने कहा था कि इस बीमारी से केवल तीन लोगों की मौत हुई है और यह पता नहीं चल पाया है कि बाकी चार की मौत कोविड-19 से हुई थी या नहीं.
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राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने उसी दिन अलग आंकड़ा प्रस्तुत किया था. इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बुलेटिन प्रकाशित करना बंद कर दिया था, जिसके बाद अटकलें लगायी जा रही हैं कि सरकार सूचना को दबाने का प्रयास कर रही है.
हालांकि, श्री सिन्हा ने कहा है कि आगे से बुलेटिन नियमित रूप से जारी किया जायेगा. पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को राज्य सरकार पर महामारी से होने वाली मौतों का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाया था.