बंगाल में दुर्गा पूजा पर COVID19 का साया
COVID19 to effect durga puja of bengal कोलकाता : कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव के चलते दुर्गा पूजा के बजट पर असर पड़ने जा रहा है. आयोजकों ने कहा है कि इस बार कॉर्पोरेट विज्ञापनदाता कम हो जायेंगे, जिससे आयोजन बड़े पैमाने पर नहीं हो पायेगा. पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा त्योहार दुर्गा पूजा इस वर्ष अक्टूबर में है.
कोलकाता : कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव के चलते दुर्गा पूजा के बजट पर असर पड़ने जा रहा है. आयोजकों ने कहा है कि इस बार कॉर्पोरेट विज्ञापनदाता कम हो जायेंगे, जिससे आयोजन बड़े पैमाने पर नहीं हो पायेगा. पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा त्योहार दुर्गा पूजा इस वर्ष अक्टूबर में है.
कोलकाता और उपनगरों के सामुदायिक दुर्गा पूजा आयोजकों के मंच ‘फोरम फॉर दुर्गोत्सव’ ने कहा कि बड़े आयोजकों को भी बजट में 40 से 50 फीसदी की कटौती करनी पड़ सकती है.
फोरम के अध्यक्ष काजल सरकार ने कहा, ‘पिछले वर्ष आर्थिक नरमी की वजह से कई आयोजकों को बजट कम करना पड़ा था, क्योंकि प्रायोजकों की कमी थी. इस साल हालात और खराब हैं.’ कोलकाता में करीब 3,000 दुर्गा पूजा का आयोजन होता है, जबकि राज्य में यह आंकड़ा 30,000 है.
इधर, कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर देश भर में जारी लॉकडाउन के बावजूद गुरुवार को राम नवमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में ‘जय श्रीराम’ के नारों के बीच हजारों भक्त मंदिरों में उमड़ पड़े.
राज्य भर के मंदिरों के बाहर भक्तों की लंबी कतारें देखी गयीं, जबकि इस साल वार्षिक रामनवमी रैलियां नहीं निकलीं, क्योंकि विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठनों ने कोरोना वायरस महामारी के कारण कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया है.
बड़ी संख्या में लोगों को विभिन्न जिलों में मंदिरों के बाहर जुटते हुए देखा गया और ‘भगवान राम’ से कोरोना वायरस महामारी से अतिशीघ्र मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की गयी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई जिलों में पुलिस ने श्रद्धालुओं को पूजा करने के तुरंत बाद घर लौटने के लिए कहा और भीड़ से बचने और सामाजिक दूरी बनाने के मानदंडों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया.
लॉकडाउन लागू करने के दौरान हमला, नौ पुलिसकर्मी घायलपश्चिम बंगाल में अलग-अलग स्थानों पर लॉकडाउन के आदेश लागू करने के दौरान हुए हमलों में नौ पुलिसकर्मी घायल हो गये. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दक्षिण 24 परगना और पश्चिमी मिदनापुर जिलों में त्वरित प्रतिक्रिया बलों ने जब लोगों को इकठ्ठा होने से रोका, तो उन पर पथराव किया गया.
अधिकारी के अनुसार, बुधवार रात को दक्षिण 24 परगना जिले के भांगुर इलाके में गश्त के दौरान कुछ युवाओं को जमा होने से रोका, तब उन लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके और उन्हें धक्का भी दिया. इस घटना में चार कांस्टेबल और एक उप निरीक्षक घायल हो गये. साथ ही पुलिस का वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया.
एक अन्य घटना में पश्चिमी मिदनापुर जिले के गोलतोड़ क्षेत्र में लोगों को एक चाय की दुकान पर एक साथ इकठ्ठा होने से मना करने पर पुलिस की एक टीम पर हमला कर दिया गया, जिसमें एक उपनिरीक्षक और दो कांस्टेबल घायल हो गये.