पश्चिम बंगाल में सीबीआई द्वारा दर्ज गौ तस्करी मामले की सुनवाई अब दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी. आसनसोल की विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को ऐसा ही कुछ आदेश दिया है. नतीजतन तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी मामले की सुनवाई इस बार दिल्ली में होगी. इससे पहले कई बार ईडी ने मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था. बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने मामले को दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने के पक्ष में फैसला सुनाया है.
गौ तस्करी मामले की पहले भी दो बार सुनवाई हो चुकी है. लेकिन बीरभूम के तृणमूल जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल और उनके पूर्व अंगरक्षक सहगल हुसैन से जुड़े इस मामले में केंद्रीय एजेंसी सवालों के घेरे में आ गई थी . आप इस मामले को आसनसोल से दिल्ली क्यों ले जाना चाहते हैं ? जज राजेश चक्रवर्ती के इस सवाल पर ईडी के वकील अभिजीत भद्र द्वारा पिछले दो मौकों पर उठाए गए सवालों से कोर्ट संतुष्ट नहीं था . जज ने जानना चाहा कि केंद्रीय एजेंसी को केस चलाने का अधिकार किस कानून के तहत और किसने दिया है. बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने 2005 में जारी वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना का इस्तेमाल करते हुए सवाल उठाए.
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गौरतलब है कि गौ तस्करी के मामले में अनुब्रत और सहगल अभी तिहाड़ जेल में हैं. इसी मामले में अनुब्रत की बेटी सुकन्या मंडल को ईडी ने गिरफ्तार किया है. इसके अलावा इनामुल हक और बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार को पहले ही गिरफ्तार किया गया था. 28 जुलाई को ईडी ने धारा 44(1/सी) के तहत इस मामले को आसनसोल में सीबीआई विशेष अदालत में स्थानांतरित करने के लिए आवेदन किया था. ईडी की अर्जी के आधार पर मामले की दो राउंड में डेढ़ घंटे तक सुनवाई हुई. तीसरी सुनवाई में कोर्ट ने ईडी की याचिका स्वीकार कर ली.
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पशु तस्करी के मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल के करीबी माने जानेवाले तृणमूल छात्र परिषद के नेता कृपामय घोष को पूछताछ के लिए तलब किया है. सूत्रों के अनुसार, उन्हें बुधवार को यहां निजाम पैलेस स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय में हाजिर होने को कहा गया है. इससे पहले, ईडी के अधिकारी घोष से पूछताछ कर चुके हैं. पशु तस्करी के मामले में सीबीआई ने पिछले साल अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया था. उसके बाद ईडी ने उन्हें शोन अरेस्ट किया. इस साल मार्च में ईडी अदालत की अनुमति पर मंडल को ट्रांजिट रिमांड के जरिये नयी दिल्ली मामले की जांच के तहत ले गयी थी. मंडल फिलहाल तिहाड़ जेल में ही न्यायिक हिरासत की अवधि काट रहे हैं.
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सात मार्च को मंडल को नयी दिल्ली ले जाने के लिए आसनसोल जेल से कोलकाता लाया जा रहा था और शक्तिगढ़ इलाके में राजमार्ग के किनारे स्थित रेस्तरां में उन्होंने पूड़ी-सब्जी और शुगर फ्री मिठाइयों के साथ अपना नाश्ता किया था. दिलचस्प बात यह है कि ईडी की हिरासत में होने और बंगाल पुलिस द्वारा उपलब्ध कराये गये सुरक्षा घेरे में रहने के बावजूद, मंडल को उनकी मेज पर बीरभूम के तृणमूल छात्र परिषद के नेता कृपामय घोष, जिले के एक अन्य छात्र नेता छोटन सिंह और सुकन्या मंडल (अनुब्रत की बेटी) का वाहन चालक तूफान मृधा के साथ देखा गया था. मंडल के साथ तीनों ने रेस्तरां में करीब 20 मिनट बिताया. रेस्तरां के मालिक ने बाद में पुष्टि की कि उसने न केवल मंडल को बल्कि आरोपी नेता के साथ आये अन्य सभी लोगों को नाश्ता परोसा था, जिसमें उन्हें सुरक्षा प्रदान करनेवाले लोग भी शामिल थे. कुल मिला कर लगभग 14 प्लेटें और करीब एक हजार रुपये का बिल बनाया. इस घटना के बाद से ही कृपामय घोष भी केंद्रीय जांच एजेंसियों की नजर पर थे.
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केंद्रीय जांच एजेंसी ने गौ तस्करी के मामले में अनुब्रत को पिछले साल अगस्त में उनके घर से गिरफ्तार किया था. इससे पहले उनके बॉडीगार्ड सहगल हुसैन को गिरफ्तार किया गया था. अनुब्रत की गिरफ्तारी के बाद उनके अकाउंटेंट मनीष जैन, बेटी सुकन्या को केंद्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था. इस बीच दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट अनुब्रत और उनकी बेटी की जमानत याचिका कई बार खारिज कर चुकी है.
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