ओपन जेल में रहेगा विमल
खूंटी के उपायुक्त ने कहा कि पूर्व में भी कई नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं. वे अब सामान्य जीवन जी रहे हैं. समर्पण करने वालों को ओपन जेल में रखा जाता है. एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि विमल लोहरा वर्ष 2012 से भाकपा माओवादी से जुड़ा रहा था. विमल ने अपने बयान में बताया है कि माओवादी के शीर्ष नेता लेवी लेने और संगठन के सिद्धांत को छोड़कर अन्य कार्य में शामिल हो रहे हैं, जिसके कारण विमल लोहरा संगठन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट आया. आवास निर्माण के लिए चार डिसमिल जमीन, बच्चों की पढ़ाई और परिवार के लिए जीवन बीमा का लाभ दिया जायेगा. मौके पर सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी प्रकाश रंजन मिश्र, मृत्युंजय कुमार, एएसपी अभियान रमेश कुमार, एसडीपीओ अमित कुमार, मुख्यालय डीएसपी जयदीप लकड़ा सहित अन्य उपस्थित थे.
एक दर्जन कांडों में था शामिल
विमल लोहरा मुरहू, अड़की और सायको थाना क्षेत्र में हुए लगभग एक दर्जन कांडों में शामिल था. उसके खिलाफ कुल 12 मामले दर्ज हैं. विमल लोहरा ने पत्रकारों को बताया कि नक्सलियों के डर से न चाहते हुए भी वह संगठन में रहने लगा था. उसे गांवों में मीटिंग करने और खाने-पीने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी गयी थी. उसने बताया कि कई लोग आत्मसमर्पण करने के बाद उससे मिले. जानकारी मिली कि जेल से कई लोग छूटकर निकलने के बाद सामान्य जीवन जा रहे हैं. आत्मसमर्पण करने पर सरकार से पैसे, जमीन आदि मिले. यह देख कर उसने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया. उसने बताया कि संगठन के समझदार लोग मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं.
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रिपोर्ट: चंदन कुमार