कोलकाताः पश्चिम बंगाल की महिला व बाल कल्याण विकास और सामाजिक कल्याण मंत्री शशि पांजा ने दावा किया है कि बंगाल में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध में कमी आयी है. यहां तक कि महिला व बाल अपराध के मामले में बंगाल का रिकॉर्ड झारखंड जैसे छोटे प्रदेश से भी बेहतर है.
विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए शशि पांजा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में बंगाल में महिला व बच्चों के खिलाफ अपराध में कमी आयी है.
उन्होंने सदन को बताया कि चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामले में बंगाल की स्थिति देश के अन्य बड़े राज्यों से काफी बेहतर है. बच्चों व महिलाओं के खिलाफ अपराध का आंकड़ा देखें, तो केरल में 2882, असम में 201, आंध्रप्रदेश में 245, केरल में 180, झारखंड में 177 और बंगाल में सिर्फ 172 मामले दर्ज हुए हैं.
Also Read: महिलाओं से अपराध के मामले में तीसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जरूरतमंद परिवार के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए बेहतर काम कर रही है. मंत्री के मुताबिक, वर्ष 2011 के मई तक राज्य में 33.19 फीसदी बच्चे कुपोषित थे. वहीं, फरवरी 2020 तक राज्य में मात्र 6.46 फीसदी बच्चे कुपोषित पाये गये.
शशि पांजा ने बताया कि आइसीडीएस योजना के तहत गर्भवती माताओं व 0-6 साल के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए पौष्टिक आहार दिया गया है. अब तक चूल्हे पर भोजन पकता था. अब गैस चूल्हे पर भोजन पकेगा. राज्य में अब तक एक लाख 17 हजार 76 आइसीडीएस सेंटर हैं. इन्हें चलाने के लिए राज्य में 287 करोड़ धनराशि आवंटित की गयी है. कोरोना के कारण अभी आइसीडीएस सेंटर बंद हैं.
Also Read: बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध को छिपाने की कोशिश कर ही हैं मुख्यमंत्री : लॉकेट चटर्जी
महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने बताया कि वर्ष 2019 से पहले राज्य में 77,677 विधवाओं को पेंशन मिल रही थी. अब 28 लाख 221 विधवाओं को पेंशन मिल रही है. इसके लिए राज्य सरकार हर माह 280 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
Posted By: Mithilesh Jha