उड़ीसा में भत्ता वितरण व मनरेगा के काम में 10 करोड़ का घोटाला, शिकायत के बाद भी जांच नहीं
आर्थिक वर्ष 2021-22 में मधुबाबू पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय बुढ़ापा भत्ता, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा भत्ता, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग भत्ता योजना में योग्य लाभुकों को भत्ता मुहैया कराया जाता है.
सुंदरगढ़ जिले में सामाजिक सुरक्षा योजना में 10 करोड़ रुपये तथा बिना काम के मनरेगा का बिल देकर करीब 3.50 लाख रुपये का घाेटाला होने की बात सामने आयी है. लाभुकों द्वारा इसकी शिकायत बार-बार जिला प्रशासन से करने के बाद भी किसी तरह की जांच न होना चर्चा का विषय बना हुआ है. इसमें सामाजिक सुरक्षा योजना में 10 करोड़ 26 लाख 60 हजार 392 रुपये का घोटाला होने की शिकायत की गयी है.
जानकारी के अनुसार, आर्थिक वर्ष 2021-22 में मधुबाबू पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय बुढ़ापा भत्ता, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा भत्ता, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग भत्ता योजना में योग्य लाभुकों को भत्ता मुहैया कराया जाता है. लेकिन, वास्तव में कितने लाभुकों में कितनी राशि का वितरण हुआ, इस बारे में वितरण की जिम्मेदारी में रहनेवाले अधिकारी अथवा कर्मचारियों के पास भी सटीक तथ्य नहीं हैं.
विदित हो कि प्रत्येक वर्ष भत्ता वितरण से पहले कई लाभुकों की मौत भी हो जाती है तथा कई लाभुक भत्ता लेने भी नहीं आते हैं. जिससे इन लाभुकाें के लिए आयी राशि का वितरण नहीं हो पाता. इसके बाद भी इसकी जिम्मेदारी संभालने वाले कई कर्मचारियों की ओर से मृत लाभुकों का भत्ता हड़पने का मामला भी सामने आ चुका है.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आगामी तीन महीने के बाद नया वित्त वर्ष शुरू हो जायेगा. लेकिन, अभी तक इस काम में नियोजित कर्मचारियों अथवा अधिकारियों द्वारा इसका हिसाब-किताब देने की कोई तैयारी नहीं की गयी है. उसी प्रकार टांगरपाली ब्लाॅक में उज्ज्वलपुर पंचायत के कर्लापाड़ा गांव में भी मनरेगा का काम किये बिना ही करीब 3.50 लाख रुपये का घोटाला होने की बात सामने आयी है. इसमें तीन किलोमीटर तक सड़क निर्माण तथा श्रमिक नियोजित होने का फर्जी मस्टर बनाकर यह घोटाला होने की शिकायत लाभुकों ने स्थानीय प्रशासन से की है.